तिरुवनंतपुरम, 20 जून (भाषा) केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने शुक्रवार को घोषणा की कि स्कूली पाठ्यपुस्तकों में जल्द ही राज्य के राज्यपालों की संवैधानिक शक्तियों व कर्तव्यों के बारे में एक पाठ शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्कूल लोकतंत्र के मूल्यों को सीखने के लिए आदर्श स्थान होते हैं।
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब हाल में ही शिवनकुट्टी राज्यपाल के निवास, राजभवन में आयोजित एक आधिकारिक कार्यक्रम छोड़कर चले गए थे। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान भारत माता की तस्वीर – जिसका इस्तेमाल आरएसएस के कार्यक्रमों में व्यापक रूप से किया जाता है – प्रदर्शित किए जाने के विरोध में यह कदम उठाया था।
शुक्रवार को एक बयान में, मंत्री ने कहा कि पाठ्यक्रम सुधारों का उद्देश्य संवैधानिक सिद्धांतों को बढ़ावा देना है, और स्कूल यह समझने में बच्चों की मदद करते हैं कि लोकतंत्र कैसे काम करता है।
शिवनकुट्टी ने कहा, ‘हाल के दिनों में, राज्यपालों का दुरुपयोग करके निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने के प्रयास बढ़े हैं।”
उन्होंने कहा कि यहां तक कि उच्चतम न्यायालय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि संविधान के तहत राज्यपाल की शक्तियां क्या हैं।
उन्होंने कहा, ‘चूंकि स्कूल लोकतंत्र के मूल्यों को सीखने के लिए आदर्श स्थान हैं, इसलिए संशोधित पाठ्यपुस्तकों में विशेष रूप से छात्रों को शिक्षित करने के लिए राज्यपालों की संवैधानिक शक्तियों के बारे में एक पाठ शामिल किया जाएगा।”
भाषा जोहेब दिलीप
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