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Friday, August 15, 2025

SI पेपर लीक कांड में बड़ा खुलासा, गहलोत के पूर्व PSO का सनसनीखेज बयान; जानकर रह जाएंगे दंग!

Fast NewsSI पेपर लीक कांड में बड़ा खुलासा, गहलोत के पूर्व PSO का सनसनीखेज बयान; जानकर रह जाएंगे दंग!

राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 के चर्चित पेपर लीक मामले में एक और बड़ा खुलासा किया है। सोमवार देर शाम सामने आए तथ्यों के अनुसार, हाल ही में गिरफ्तार किए गए जयपुर पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल राजकुमार यादव और उसके बेटे भरत यादव ने पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें कबूल कीं। दोनों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था और अदालत ने इन्हें 12 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर भेजा है।

2008 से पुराना संपर्क बना वजह

पूछताछ में राजकुमार यादव ने बताया कि उसने यह लीक हुआ प्रश्न पत्र उदयपुर निवासी कुंदन पंड्या से 5 लाख रुपये में खरीदा था। कुंदन से उसकी पहचान साल 2008 से थी, जब राजकुमार तत्कालीन मंत्री महेंद्रजीत मालवीय के PSO (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) थे और कुंदन मंत्री के इलाके में लाइजनिंग का काम करता था। पुराने संबंधों का फायदा उठाते हुए कुंदन ने उसे परीक्षा से पहले ही लीक पेपर उपलब्ध कराया।

खरीद से लेकर बिक्री तक का खेल

राजकुमार ने यह पेपर सिर्फ अपने बेटे भरत यादव को पास कराने के इरादे से नहीं लिया, बल्कि इसे व्यापार में भी बदल दिया। उसने अपने साथी कांस्टेबल सत्येंद्र सिंह यादव और पड़ोसी रविंद्र सैनी को यही पेपर 7.50 लाख रुपये में बेच दिया। इस तरह, एक ही पेपर से उसने 2.50 लाख रुपये का मुनाफा कमा लिया।

बेटा फेल, खरीदार बने SI

इस सौदे का नतीजा यह हुआ कि भरत यादव ने लिखित परीक्षा पास तो कर ली, लेकिन शारीरिक दक्षता परीक्षा (Physical Test) में फेल हो गया। वहीं, जिन दो लोगों को पेपर बेचा गया था—सत्येंद्र सिंह यादव और रविंद्र सैनी—दोनों ने लिखित और शारीरिक परीक्षा पास कर SI की नौकरी हासिल कर ली।

मेरिट में आया नाम

  • सत्येंद्र सिंह यादव ने मेरिट सूची में 12वीं रैंक पाई।

  • रविंद्र सैनी ने 156वीं रैंक हासिल की।

SOG ने सत्येंद्र को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था और उसी की पूछताछ में राजकुमार यादव का नाम सामने आया। हालांकि, रविंद्र सैनी अभी भी फरार है और उसकी तलाश में SOG की कई टीमें काम कर रही हैं।

अब तक 120 गिरफ्तारियां

यह मामला बताता है कि किस तरह एक ही प्रश्न पत्र कई हाथों से होते हुए लाखों रुपये में बिका, और इसके चलते कई मेहनती और योग्य उम्मीदवारों का भविष्य बर्बाद हो गया। अब तक SOG इस मामले में 54 सब-इंस्पेक्टर समेत कुल 120 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, और जांच एजेंसी को उम्मीद है कि आगे भी कई बड़े नाम बेनकाब होंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान

इस गिरफ्तारी का राजनीतिक पहलू भी चर्चा में है, क्योंकि राजकुमार यादव कभी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सुरक्षा में तैनात था। गिरफ्तारी के बाद गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘X’ पर पोस्ट कर कहा—मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि मेरी सुरक्षा में तैनात जयपुर पुलिस लाइन के एक हेड कांस्टेबल एवं उनके पुत्र को SOG ने हिरासत में लिया है। किसी भी व्यक्ति की अपराध में संलिप्तता हो तो कानून अपना काम करे। मुझे उम्मीद है कि SOG बिना किसी दबाव के इस मामले की जांच कर तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचेगी।”

SOG की सख्ती और आगे की कार्रवाई

SOG अब इस पेपर लीक कांड के नेटवर्क की गहराई से छानबीन कर रही है। जांच एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि लीक हुआ पेपर किन-किन स्तरों से होकर उम्मीदवारों तक पहुंचा और इसमें कौन-कौन शामिल था। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

यह भी पढ़ेंः- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस एक्सप्रेस-वे पर भीषण सड़क हादसा, तेज रफ्तार कार ने पुलिस वैन को मारी टक्कर; 7 पुलिसकर्मी सहित 14 घायल

Q. हेड कांस्टेबल राजकुमार यादव ने लीक हुआ प्रश्न पत्र किससे और कितने में खरीदा?
Ans. राजकुमार यादव ने लीक हुआ प्रश्न पत्र उदयपुर निवासी कुंदन पंड्या से 5 लाख रुपये में खरीदा।

Q. राजकुमार यादव ने यह पेपर किन-किन लोगों को बेचा और कितने में?
Ans. उसने यह पेपर कांस्टेबल सत्येंद्र सिंह यादव और पड़ोसी रविंद्र सैनी को 7.50 लाख रुपये में बेचा।

Q. पेपर खरीदने और बेचने के बाद किसका क्या परिणाम हुआ?
Ans. भरत यादव लिखित परीक्षा पास करके फिजिकल टेस्ट में फेल हो गया, जबकि सत्येंद्र सिंह यादव और रविंद्र सैनी दोनों ने परीक्षा पास कर SI की नौकरी हासिल की।

Q. इस मामले में अब तक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं?
Ans. अब तक SOG ने 54 सब-इंस्पेक्टर समेत कुल 120 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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