जयपुर, 13 अगस्त। — राजस्थान में भ्रष्टाचार पर सख्ती के तहत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सीकर जिले में समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत एक सहायक लेखाधिकारी (एएओ) और एक निजी बिचौलिए को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई बुधवार को उस समय की गई, जब दोनों आरोपी लंबित बिलों के भुगतान के बदले रिश्वत राशि स्वीकार कर रहे थे। अधिकारियों के अनुसार, मामले में एक सहायक अभियंता अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।
अतिरिक्त महानिदेशक (एसीबी) स्मिता श्रीवास्तव के अनुसार, शिकायतकर्ता ने ब्यूरो को सूचित किया था कि सीकर के अतिरिक्त जिला परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा अभियान के अधिकारी एक सरकारी स्कूल में कमरों के निर्माण से जुड़े लगभग 27 लाख रुपये के लंबित बिलों को मंजूरी देने के लिए अवैध वसूली कर रहे हैं। आरोप के मुताबिक, सहायक अभियंता खुमाराम ने 60,000 रुपये और सहायक लेखाधिकारी रामचंद्र ने 45,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, जयपुर के उप महानिरीक्षक राजेश सिंह की निगरानी में और जयपुर ग्रामीण के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिहाग के नेतृत्व में एक विशेष दल ने ट्रैप की योजना बनाई। इस दौरान, सहायक अभियंता खुमाराम के कथित बिचौलिए कमल कुमार कुमावत को उनके लिए 60,000 रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए गिरफ्तार किया गया, जबकि एएओ रामचंद्र को 40,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
एसीबी की छापेमारी की खबर मिलते ही सहायक अभियंता खुमाराम मौके से फरार हो गया। फिलहाल उसकी गिरफ्तारी के लिए तलाश जारी है। गिरफ्तार दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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Q. एसीबी ने सीकर जिले में किन दो लोगों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया?
Ans. एसीबी ने सहायक लेखाधिकारी (एएओ) रामचंद्र और एक निजी बिचौलिए कमल कुमार कुमावत को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
Q. यह रिश्वत किस काम के बदले में ली जा रही थी?
Ans. यह रिश्वत सरकारी स्कूल में कमरों के निर्माण से जुड़े लगभग 27 लाख रुपये के लंबित बिलों को मंजूरी देने के बदले में ली जा रही थी।
Q. सहायक अभियंता खुमाराम की क्या स्थिति है?
Ans. सहायक अभियंता खुमाराम एसीबी की कार्रवाई के दौरान मौके से फरार हो गया है और उसकी तलाश जारी है।
Q. सहायक अभियंता और सहायक लेखाधिकारी ने कितनी रिश्वत की मांग की थी?
Ans. सहायक अभियंता खुमाराम ने 60,000 रुपये और सहायक लेखाधिकारी रामचंद्र ने 45,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।