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Wednesday, August 20, 2025

राजस्थान: महात्मा गांधी अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों में 11वीं की खाली सीटें ‘पहले आओ, पहले पाओ’ से भरेंगी

Fast Newsराजस्थान: महात्मा गांधी अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों में 11वीं की खाली सीटें ‘पहले आओ, पहले पाओ’ से भरेंगी

राजस्थान के सरकारी शिक्षा ढांचे में एक ऐसा निर्णय सामने आया है, जो न केवल प्रवेश प्रक्रिया को लचीला बनाता है, बल्कि प्रशासनिक सोच में भी एक स्पष्ट बदलाव का संकेत देता है। राज्य के महात्मा गांधी अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों में अब 11वीं कक्षा की खाली सीटें ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के सिद्धांत पर भरी जाएंगी।

यह फैसला उस सच्चाई को स्वीकार करता है कि लॉटरी जैसी केंद्रीकृत प्रणाली के बाद भी सीटें रिक्त रह गईं और रिक्त सीट का अर्थ है न केवल संसाधनों की बर्बादी, बल्कि शिक्षा के अवसर का नुकसान भी। 12 से 16 जुलाई के बीच आवेदन प्रक्रिया और 18 जुलाई को लॉटरी सम्पन्न होने के बाद भी दर्जनों स्कूलों में 11वीं की सीटें खाली थीं। अब छात्र-छात्राएँ, यदि योग्यता रखते हैं, सीधे विद्यालय जाकर प्रवेश ले सकेंगे, बशर्ते सीट उपलब्ध हो।

नीति और लचीलेपन का मेल

सरकार का यह कदम उस पुराने ढांचे को तोड़ता है जिसमें एक बार प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद ‘द्वार बंद’ मान लिए जाते थे। अब यह संदेश है कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था ज़्यादा खुली और अवसरवादी (opportunity-oriented) हो रही है, जहाँ खाली सीटें ‘प्रक्रिया’ के नाम पर नहीं छोड़ी जाएंगी।

प्रारंभिक शिक्षा में भी बदलाव

नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बाल वाटिका में प्रवेश पूरे शैक्षणिक सत्र में संभव होगा। आंगनबाड़ी में दो वर्ष पूरे करने वाले बच्चे सीधे प्रवेश पा सकेंगे। यह लचीलापन ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों के उन परिवारों के लिए भी मददगार है, जिनके बच्चों की स्कूली यात्रा किसी कारणवश विलंब से शुरू होती है।

विज्ञान संकाय का विस्तार नीति का संकेत

इस सत्र से 970 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में 11वीं कक्षा की शुरुआत और उसमें विज्ञान संकाय की अनिवार्य उपलब्धता, यह बताती है कि सरकार अंग्रेज़ी माध्यम में उच्चतर विज्ञान शिक्षा को प्राथमिकता देना चाहती है। प्रत्येक विद्यालय में 60 सीटें तय करना न केवल एक प्रशासनिक मानक तय करता है, बल्कि संसाधन और शिक्षक उपलब्धता के संतुलन की ओर भी इशारा करता है।

भामाशाह कोटा निजी सहयोग का नया अध्याय

50 लाख रुपये से अधिक का दान देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए विशेष कोटा जिसमें वे प्रत्येक कक्षा में दो और अधिकतम 10 विद्यार्थियों को प्रवेश दिला सकेंगे सरकारी शिक्षा में निजी भागीदारी का नया मॉडल है। यह कोटा सामान्य सीटों को प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन सवाल यह भी है कि क्या यह प्रावधान भविष्य में सरकारी शिक्षा के ‘लोक कल्याण’ चरित्र और ‘निजी प्रभाव’ के बीच संतुलन बना पाएगा।

राजस्थान का यह प्रयोग सिर्फ़ एक प्रशासनिक सुविधा नहीं है, बल्कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था की मानसिकता में बदलाव का संकेत है — एक ऐसी मानसिकता जो अब प्रक्रियाओं की कठोरता से ज़्यादा अवसर के अधिकतम उपयोग को महत्व देती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह मॉडल आने वाले वर्षों में अन्य राज्यों के लिए भी एक नजीर बनता है।

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Q. महात्मा गांधी अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों में 11वीं कक्षा की खाली सीटें अब किस आधार पर भरी जाएंगी?
Ans. अब खाली सीटें ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर भरी जाएंगी।

Q. नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बाल वाटिका में प्रवेश को लेकर क्या बदलाव किया गया है?
Ans. बाल वाटिका में प्रवेश पूरे शैक्षणिक सत्र में संभव होगा, और आंगनबाड़ी में दो वर्ष पूरे करने वाले बच्चों को सीधे प्रवेश मिलेगा।

Q. इस सत्र में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में विज्ञान संकाय को लेकर क्या व्यवस्था की गई है?
Ans. इस सत्र से 970 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में 11वीं कक्षा की शुरुआत होगी और सभी में विज्ञान संकाय अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहेगा, प्रत्येक विद्यालय में 60 सीटें निर्धारित की गई हैं।

Q. भामाशाह कोटा योजना के तहत कितने दान पर विशेष प्रवेश कोटा मिलेगा और इसका क्या लाभ होगा?
Ans, 50 लाख रुपये से अधिक का दान देने वाले व्यक्ति या संस्था को विशेष कोटा मिलेगा, जिसमें वे प्रत्येक कक्षा में 2 और अधिकतम 10 विद्यार्थियों को प्रवेश दिला सकेंगे, और यह सामान्य सीटों को प्रभावित नहीं करेगा।

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