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Wednesday, August 20, 2025

फ्लॉप हुई ‘उदयपुर फाइल्स’, गुस्से में अमित जानी ने हिंदुओं को घेरा, सोशल मीडिया पर बवाल!

Fast Newsफ्लॉप हुई ‘उदयपुर फाइल्स’, गुस्से में अमित जानी ने हिंदुओं को घेरा, सोशल मीडिया पर बवाल!

उदयपुर फाइल्स का रिलीज़ होना जितना विवादों से जुड़ा रहा, उतना ही इसकी असफलता ने सवाल खड़े कर दिए हैं। निर्माता अमित जानी ने फिल्म की घोषणा करते वक्त कहा था कि कमाई का 25 प्रतिशत हिस्सा उदयपुर में मारे गए कन्हैयालाल टेलर के परिवार की कानूनी लड़ाई पर खर्च किया जाएगा। यह वादा एक सामाजिक जिम्मेदारी की तरह प्रस्तुत किया गया था, लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 2 करोड़ का आंकड़ा भी नहीं छू पाई।

वायरल वीडियो: नाराज़गी या नैतिक दबाव?

जाहिर है, निर्माता की निराशा बढ़नी ही थी। उनका वायरल वीडियो इसी हताशा की झलक देता है, जिसमें वे सीधे दर्शकों से सवाल पूछते हैं, हिंदुओं के पास कन्हैयालाल के लिए मूवी देखने का समय क्यों नहीं था, यहां तक कि उन्होंने यह तक कह दिया कि कन्हैयालाल के हत्यारे जो काम नहीं कर पाए, वो तुमने कर दिया। यह टिप्पणी केवल नाराज़गी नहीं, बल्कि दर्शकों पर नैतिक दबाव डालने की कोशिश भी है।

फिल्म की असफलता: दर्शक दोषी या प्रस्तुति कमज़ोर?

लेकिन असल मुद्दा यह है कि क्या किसी फिल्म की असफलता का दोष दर्शकों पर मढ़ा जा सकता है? क्या दर्शक सिर्फ़ इसलिए टिकट खरीदेंगे कि वह फिल्म किसी ‘कारण’ से जुड़ी है? सिनेमा अगर सामाजिक संदेश देने का दावा करता है, तो उसे कलात्मकता, प्रस्तुति और सिनेमाई ताकत से भी दर्शकों को बाँधना होगा। केवल विवाद या भावनात्मक अपील लंबे समय तक नहीं टिक सकती।

निर्देशन के स्तर पर उदयपुर फाइल्स ने दर्शकों को प्रभावित करने में विफलता पाई। विजय राज जैसे सक्षम अभिनेता भी कहानी को वह प्रभाव नहीं दे पाए, जो कन्हैयालाल जैसे संवेदनशील प्रसंग की अपेक्षा थी। नतीजा यह हुआ कि फिल्म संवेदना और सिनेमाई प्रस्तुति, दोनों मोर्चों पर संतुलन खो बैठी।

न्याय का सवाल: बॉक्स ऑफिस से परे

आज सवाल यह नहीं है कि फिल्म सफल रही या असफल। असल सवाल यह है कि क्या न्याय और संवेदना को सीधे बॉक्स ऑफिस से जोड़ा जाना चाहिए? अगर किसी परिवार को न्याय दिलाना ही मक़सद था, तो उसके रास्ते और भी हो सकते थे। सिनेमा का मंच शक्तिशाली है, लेकिन उसकी ताकत दर्शकों के विवेक से आती है, न कि दबाव और भावनात्मक अपराधबोध से।

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Q. फिल्म उदयपुर फाइल्स की कमाई का एक हिस्सा किस उद्देश्य के लिए घोषित किया गया था?
Ans. निर्माता अमित जानी ने कहा था कि कमाई का 25% हिस्सा कन्हैयालाल टेलर के परिवार की कानूनी लड़ाई पर खर्च किया जाएगा।

Q. फिल्म की असफलता के बाद निर्माता ने दर्शकों पर क्या टिप्पणी की?
Ans. उन्होंने कहा कि कन्हैयालाल के हत्यारे जो काम नहीं कर पाए, वो तुमने कर दिया और दर्शकों पर नैतिक दबाव डालने की कोशिश की।

Q. फिल्म की असफलता का असली कारण क्या बताया गया?
Ans. फिल्म निर्देशन और प्रस्तुति के स्तर पर दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाई और संवेदनशील विषय को प्रभावी सिनेमाई रूप नहीं मिल सका।

Q. लेखक के अनुसार न्याय और संवेदना को किससे नहीं जोड़ा जाना चाहिए?
Ans. इन्हें सीधे बॉक्स ऑफिस से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि इसके लिए अन्य रास्ते भी हो सकते हैं।

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