श्रीगंगानगर की धरती, जो कभी किसानों की मेहनत और हरी-भरी फसलों से सरसब्ज़ रहती थी, आज प्यासी नज़र आ रही है। प्रदेश के किसानों का सबसे बड़ा सवाल है, जब केंद्र सरकार बार-बार कहती है कि एक बूंद पानी भी पाकिस्तान नहीं जाने देंगे, तो राजस्थान के हिस्से का पानी आखिर क्यों नहीं मिल रहा
बीकानेर कैनाल, जिसे यहां की कृषि जीवनरेखा कहा जाता है, पानी की कमी से जूझ रही है। तय 2500 क्यूसेक के बजाय खखां हेड पर केवल 1628 क्यूसेक पानी ही पहुँच रहा है। यह घाटा केवल आँकड़ों का नहीं है धान, कपास और मूंग जैसी फसलें मुरझा रही हैं, किसानों के सपने सूख रहे हैं।
हरिके हेड वर्क्स का गणित और राजस्थान की प्यास
हरिके हेड वर्क्स, जहाँ से बीकानेर कैनाल और गंगनहर को पानी मिलता है, इस संकट की जड़ है। भाखड़ा-पोंग बाँधों में पर्याप्त भंडारण होने के बावजूद राजस्थान को उसका हक नहीं मिल पा रहा। आँकड़े चौंकाते हैं,
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पाकिस्तान की ओर छोड़ा जा रहा पानी : 25,000 क्यूसेक
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हुसैनीवाला की ओर : 28,000 क्यूसेक
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फिरोजपुर फीडर : 8,900 क्यूसेक
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सरहिंद फीडर : 5,700 क्यूसेक
इसके मुकाबले बीकानेर कैनाल को अपेक्षित 15,000 क्यूसेक के बजाय केवल 12,000 क्यूसेक पानी ही दिया जा रहा है।
यह असमानता सिर्फ़ फसलों को नहीं झुलसा रही, बल्कि किसानों के बीच गहरे आक्रोश को जन्म दे रही है। सोशल मीडिया पर लगातार यह सवाल गूँज रहा है, अगर भारत का पानी पाकिस्तान तक जा सकता है तो राजस्थान के खेत क्यों प्यासे हैं?
संघीय ढांचे और बंटवारे की राजनीति
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) पानी का बँटवारा करता है, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली और राजस्थान के बीच। लेकिन राजस्थान बार-बार शिकायत करता है कि उसे उसका तय हिस्सा नहीं मिल रहा। हरिके से पानी का बड़ा हिस्सा पंजाब और अन्य राज्यों की ओर मोड़ा जा रहा है, जबकि राजस्थान की नहरें खाली पड़ी हैं।
इंदिरा गांधी नहर की री-लाइनिंग और RD 45 की सफाई के लिए बार-बार नहरबंदी होती है, लेकिन पंजाब की ओर से देरी की शिकायतें हैं। 2023 में 65 दिन की नहरबंदी का प्रस्ताव आया, जिसे राजस्थान सरकार ने 60 दिन करने की माँग की थी, पर नतीजा यह हुआ कि पानी की आपूर्ति और बाधित हो गई।
किसानों का सवाल, जवाब कौन देगा?
आज श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर के किसान अपने खेतों को बचाने की जद्दोजहद में हैं। तापमान 40 डिग्री से ऊपर, और नहरों में पानी नदारद। उनकी फसलें सूख रही हैं और सवाल सीधा है
अगर केंद्र सरकार पानी पाकिस्तान नहीं जाने देंगे का दावा करती है तो राजस्थान के हिस्से के पानी की सुरक्षा क्यों नहीं सुनिश्चित कर पा रही?
क्या यह विडंबना नहीं कि अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर कड़ा रुख अपनाने वाली सरकार, घरेलू मोर्चे पर अपने ही किसानों को न्याय नहीं दिला पा रही?
Q. राजस्थान के किसान केंद्र सरकार से किस मुख्य सवाल को लेकर नाराज़ हैं?
Ans. किसान पूछ रहे हैं कि जब सरकार कहती है कि “एक बूंद पानी भी पाकिस्तान नहीं जाने देंगे,” तो राजस्थान के हिस्से का पानी क्यों नहीं मिल रहा।
Q. बीकानेर कैनाल में पानी की कमी किस तरह दिखाई दे रही है?
Ans. तय 2500 क्यूसेक के बजाय खखां हेड पर केवल 1628 क्यूसेक पानी पहुँच रहा है, जिससे धान, कपास और मूंग जैसी फसलें सूख रही हैं।
Q. हरिके हेड वर्क्स से पानी के वितरण में राजस्थान को किस तरह घाटा हो रहा है?
Ans. अपेक्षित 15,000 क्यूसेक के बजाय बीकानेर कैनाल को केवल 12,000 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है, जबकि पाकिस्तान और अन्य राज्यों की ओर अधिक मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है।
Q. नहरबंदी के मामले में राजस्थान की शिकायत क्या रही है?
Ans. राजस्थान का आरोप है कि इंदिरा गांधी नहर की री-लाइनिंग और सफाई के लिए बार-बार नहरबंदी होती है, और पंजाब की ओर से देरी के कारण पानी की आपूर्ति और बाधित हो जाती है।
