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Wednesday, August 20, 2025

ऑपरेशन सिंदूर के हीरो अनिमेष पाटनी को वीर चक्र

Fast Newsऑपरेशन सिंदूर के हीरो अनिमेष पाटनी को वीर चक्र

भारतीय वायुसेना के पराक्रम और रणनीतिक कौशल का प्रतीक बने ऑपरेशन सिंदूर में बारां जिले के कुंजेड़ गांव के सपूत ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी की भूमिका ऐतिहासिक रही। उनकी इस वीरता को राष्ट्र ने सलाम किया है। भारत सरकार ने उन्हें देश का तीसरा सबसे बड़ा युद्धकालीन वीरता सम्मान वीर चक्र देने की घोषणा की है। यह सम्मान राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया जाएगा।

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान की धरती पर निर्णायक प्रहार

अनिमेष पाटनी और उनकी टीम ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के भीतर गहराई तक जाकर आतंकवादी अड्डों और महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों पर एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया। पाकिस्तान के मुरिदकै और बहावलपुर स्थित आतंकी संगठनों के मुख्यालयों पर यह प्रहार हुआ। भारतीय वायुसेना ने इस कार्रवाई में अत्याधुनिक S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल कर 300 किलोमीटर भीतर तक सटीक वार किया।
यह अभियान न केवल भारत की सैन्य क्षमता का प्रदर्शन था, बल्कि आतंकवाद पर कठोर संदेश भी।

गौरव की लहर: राजस्थान और हाड़ौती क्षेत्र गदगद

पाटनी के इस पराक्रम से बारां सहित पूरे हाड़ौती अंचल और राजस्थान प्रदेश में गर्व की अनुभूति है। उनके पैतृक गांव कुंजेड़ में तो खुशी का आलम है। ग्रामीण उन्हें नायक के रूप में देख रहे हैं।

कोटा से आसमान तक: शिक्षा और करियर

अनिमेष ने कोटा के सेंट पॉल स्कूल से बारहवीं तक पढ़ाई की और फिर नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए), खड़वासला, पुणे में चयनित हुए। 2004 में पासआउट होने के बाद 2005 में उनकी पहली पोस्टिंग असम के छबवा एयरबेस पर हुई। वर्तमान में वे अदमपुर एयरबेस पर ग्रुप कैप्टन के पद पर कार्यरत हैं।

मिग-27 हादसा: सूझबूझ से बचाई कई ज़िंदगियाँ

2010 में जोधपुर एयरबेस पर तैनाती के दौरान उनका मिग-27 विमान उड़ान भरते ही तकनीकी खराबी से फट गया। विमान शहर की आबादी पर गिर सकता था, लेकिन अनिमेष ने साहसिक निर्णय लेते हुए उसे मोड़कर पाली जिले के जैतपुर गांव के पास गिराया। बड़ी जनहानि टल गई। वे स्वयं पैराशूट से कूदकर सुरक्षित बचे। यह घटना उनकी सूझबूझ और कर्तव्यनिष्ठा का प्रमाण है।

परिवार और निजी जीवन

25 जनवरी 1984 को जन्मे अनिमेष पाटनी के पिता के.के. पाटनी पीडब्ल्यूडी में कार्यरत थे, जिनका 2020 में निधन हो गया। उनकी माता अनिला पाटनी गृहणी हैं। दो बड़ी बहनें चिकित्सक हैं। पत्नी वर्दनी और बेटी वामिका (13 वर्ष) उनके परिवार का केंद्र हैं।
त्यौहारों पर वे अक्सर अपने गांव आते हैं और वन्यजीवों व प्रकृति संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं, गौपालन और वृक्षारोपण उनमें प्रिय हैं।

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Q. ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी को किस वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और क्यों?
Ans. उन्हें देश का तीसरा सबसे बड़ा युद्धकालीन वीरता सम्मान वीर चक्र दिया गया है, क्योंकि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी अड्डों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर निर्णायक एयर स्ट्राइक की।

Q. ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने कौन-सी आधुनिक तकनीक का उपयोग किया?
Ans. इस अभियान में S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया गया, जिससे 300 किलोमीटर भीतर तक सटीक प्रहार संभव हुआ।

Q. मिग-27 हादसे के दौरान अनिमेष पाटनी ने किस तरह साहसिक निर्णय लेकर जनहानि को टाला?
Ans. उन्होंने खराब विमान को आबादी वाले क्षेत्र से मोड़कर पाली जिले के जैतपुर गांव के पास गिराया और खुद पैराशूट से सुरक्षित बाहर निकले, जिससे बड़ी जनहानि टल गई।

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