राजस्थान में शिक्षा नगरी के नाम से मशहूर सीकर शहर में आज सड़कें वीरान है और बाजार पूरी तरह से बंद है। पुलिस जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इस बंद का आह्वान सरकार का प्रस्तावित मास्टर प्लान 2041, जिसके विरोध में दो दर्जन से ज्यादा संगठनों ने मिलकर शहर बंद रखने का ऐलान किया गया है।
किसान, आम नागरिक, राजनीतिक दल और व्यापारी-सभी ने मिलकर इस योजना के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की है। जिला प्रशासन और पुलिस ने बंद को देखते हुए पूरी तैयारी की है। शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है। पुलिस अधिकारी अलग-अलग टीमों के जरिए व्यवस्थाओं पर नजर बनाए हुए हैं।
शहर में आज सुबह केवल इमरजेंसी सेवाएं जैसे अस्पताल और मेडिकल स्टोर खुले। वहीं स्कूल और कॉलेज भी खोले गए हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। हर तरफ सड़कों पर सन्नाटा दिखाई दिया। हर छोटा-बड़ा बाजार, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद हैं। इस आंदोलन का लोगों ने भी समर्थन किया।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, सीकर बंद का सबसे बड़ी वजह है मास्टर प्लान 2041 का मसौदा। जैसे ही यह प्रस्ताव जनता के बीच आया, वैसे ही विरोध की लहर फैल गई। किसान और आम लोग इस प्लान को लेकर हजारों आपत्तियां दर्ज करवा चुके हैं। उनका कहना है कि यह मास्टर प्लान विकास का नहीं बल्कि विनाश का रास्ता साबित होगा। विरोध करने वालों का आरोप है कि इस प्लान से किसानों की ज़मीन पर खतरा है और शहर की असली जरूरतों को नजरअंदाज किया गया है।
सीकर मास्टर प्लान 2041 के विरोध ने आज आंदोलन का रूप ले लिया है। संघर्ष समिति के नेतृत्व में बुलाए गए सीकर बंद को कांग्रेस, माकपा और कई किसान संगठनों ने पूरा समर्थन दिया। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और सीकर सांसद अमराराम जैसे बड़े नेता भी विरोध करने वालों के साथ है। उनका आरोप है कि यह प्लान विकास के नाम पर भूमाफियाओं और चुनिंदा राजनेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है।
किसानों-व्यापारियों ने उठाई विरोध की आवाज
विरोधियों का कहना है कि प्लान में कई गंभीर खामियां हैं और यह किसानों व आम लोगों के हितों के खिलाफ है। सीकर मास्टर प्लान 2041 के विरोध में आज सुबह से ही अलग-अलग इलाकों में लोगों ने आक्रोश रैली निकाली। किसान, व्यापारी और आम नागरिक हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे और जमकर नारेबाजी की।
मांगें नहीं मानी तो जारी रहेगा आंदोलन
दोपहर 2 बजे ये सभी लोग मिलकर जाट बाजार में एक बड़ी आमसभा में करेंगे। इसमें किसानों के साथ-साथ शहर की कई कॉलोनियों के प्रभावित लोग भी शामिल होंगे। संघर्ष समिति के नेताओं ने साफ कहा है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार कर मास्टर प्लान में तब्दीली नहीं करती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। इसी आमसभा में आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
सीकर बंद क्यों किया गया?
सीकर बंद का आह्वान सरकार के प्रस्तावित मास्टर प्लान 2041 के विरोध में किया गया है। विरोधियों का कहना है कि यह प्लान विकास नहीं, बल्कि किसानों की जमीन हड़पने और भूमाफियाओं को फायदा पहुंचाने का रास्ता है।
बंद में किन-किन संगठनों ने हिस्सा लिया?
बंद को संघर्ष समिति के नेतृत्व में बुलाया गया और इसे कांग्रेस, माकपा, किसान संगठनों, व्यापारिक संगठनों और आम नागरिकों का समर्थन मिला।
आज सीकर में क्या हालात रहे?
पूरा शहर बंद रहा, सिर्फ अस्पताल, मेडिकल स्टोर और स्कूल-कॉलेज खुले। पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर बल तैनात कर रखा था। बाजार, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे।
विरोधियों की मुख्य आपत्तियां क्या हैं?
किसानों और आम लोगों का आरोप है कि मास्टर प्लान से किसानों की जमीन पर खतरा है। शहर की असली जरूरतों को नजरअंदाज किया गया है। यह प्लान कुछ खास भूमाफियाओं और राजनेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है।
आगे की रणनीति क्या होगी?
दोपहर 2 बजे जाट बाजार में एक बड़ी आमसभा होगी, जिसमें आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी। संघर्ष समिति का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, आंदोलन जारी रहेगा।