राजस्थान में पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर जल्द ही तारीखों का ऐलान होने की संभावना है। चुनाव आयोग ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी बीच राजस्थान में भजनलाल सरकार की वन स्टेट-वन इलेक्शन लागू करने की कोशिशों को हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ कहा कि जब तक संविधान में संशोधन नहीं किया जाएगा, तब तक एक साथ चुनाव कराना मुमकिन नहीं है। जिन राज्यों या विधानसभा क्षेत्रों का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है, उनका कार्यकाल कैसे खत्म किया जाएगा? क्योंकि कार्यकाल को न तो घटाया जा सकता है और न ही बढ़ाया जा सकता है।
वन स्टेट वन इलेक्शन को लागू करना मुश्किल
उन्होंने आगे कहा कि वन स्टेट वन इलेक्शन को लेकर जो भी कार्रवाई होनी है, वह संसद में ही संभव है। संविधान संशोधन लोकसभा और राज्यसभा दोनों में होना जरूरी है। ऐसे में जब तक संसद में ठोस पहल नहीं होती, तब तक वन नेशन वन इलेक्शन और वन स्टेट वन इलेक्शन को लागू करना मुश्किल है।आपको बता दें कि सरकार की ओर से बार-बार इस मॉडल को लागू करने की बात कही जा रही थी, लेकिन हाईकोर्ट के सख्त रुख और निर्वाचन आयोग की स्थिति स्पष्ट करने के बाद अब इस योजना पर फिलहाल ब्रेक लग गया है।
राजस्थान सरकार ने पंचायत और नगर निकायों के पुनर्गठन व परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करते हुए 6,759 ग्राम पंचायतों के चुनाव टाल दिए थे। साथ ही मौजूदा सरपंचों को प्रशासक नियुक्त कर प्रशासकीय समितियां बनाई गई थीं। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस कदम को संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ बताते हुए सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं का कार्यकाल पूरा होने पर चुनाव कराना संवैधानिक बाध्यता है।
सरकार की दलीलें कमजोर
कानूनी विशेषज्ञों का भी कहना है कि संविधान के अनुसार आपात स्थिति को छोड़कर पंचायत और निकाय चुनाव टाले नहीं जा सकते। पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता सत्येंद्र राघव ने साफ तौर पर कहा कि सरकार छह महीने से अधिक समय तक प्रशासक नियुक्त नहीं कर सकती। यदि इस मामले को दोबारा कोर्ट में चुनौती मिली, तो सरकार की दलीलें कमजोर साबित हो सकती हैं।
क्या बोले मंत्री
वहीं राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से वन स्टेट वन इलेक्शन पर रोक लगाने के बाद इस मामले में पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सामूहिक निर्णय करेंगे, जो निर्णय होगा उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कब होगा?
चुनाव आयोग की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और जल्द ही तारीखों का ऐलान किया जाएगा।
2. हाईकोर्ट ने वन स्टेट-वन इलेक्शन पर रोक क्यों लगाई?
कोर्ट का कहना है कि संविधान में संशोधन किए बिना सभी चुनाव एक साथ कराना संभव नहीं है। कार्यकाल को न तो घटाया जा सकता है और न ही बढ़ाया जा सकता।
3. भजनलाल सरकार ने पंचायत चुनाव क्यों टाले थे?
सरकार ने पुनर्गठन और परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करते हुए 6,759 ग्राम पंचायतों के चुनाव टाल दिए और मौजूदा सरपंचों को प्रशासक नियुक्त किया।
4. हाईकोर्ट ने सरकार के इस कदम पर क्या कहा?
कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यह संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है और लोकतांत्रिक संस्थाओं का कार्यकाल पूरा होने पर चुनाव कराना अनिवार्य है।
5. अब आगे क्या होगा?
राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ कहा है कि बिना संविधान संशोधन वन स्टेट-वन इलेक्शन संभव नहीं है। पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि इस पर सामूहिक निर्णय लेकर आगे की कार्रवाई होगी।