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Saturday, August 23, 2025

राजस्थान की प्रतिभाओं का विदेश में पढ़ने का सपना टूटा! सरकार ने देर से निकाले आवेदन, फिर बदल डाले स्कॉलरशिप के नियम

Fast Newsराजस्थान की प्रतिभाओं का विदेश में पढ़ने का सपना टूटा! सरकार ने देर से निकाले आवेदन, फिर बदल डाले स्कॉलरशिप के नियम

‘स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना’ के आवेदन लंबे समय के बाद 21 अगस्त से शुरू कर दिए हैं. भले ही सरकार आवेदन ले रही है, लेकिन यह सीधे तौर पर गरीब बच्चों के साथ कुठाराघात भी है. क्योंकि अल्प आय वर्ग के लिए जब यह योजना लाई गई थी तो इसमें संशोधन क्यों किया गया?

क्या सरकार नहीं चाहती है कि गरीब परिवारों के बच्चे यूरोप-अमेरिका समेत विश्व के प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च शिक्षा ले? सरकार ने स्कॉलरशिप के लिए आवेदन तो मांग लिए, अब यूनिवर्सिटी की संख्या भी 150 से कम करके 50 कर दी गई है. कई महीनों से छात्र संबंधित विभाग के चक्कर लगा रहे थे कि नोटिफिकेशन जारी हो, लेकिन जब हुआ तो कई शर्तों के साथ.

गरीब और मेधावी छात्रों के सामने खड़ी हुई नई मुश्किलें

शर्तें भी ऐसी कि यह योजना नहीं, बल्कि मेधावी छात्रों के लिए परेशानी बन जाए. उच्च शिक्षा विभाग ने साल 2025-26 के गाइडलाइन जारी की है. इस योजना में E-2 कैटेगरी (सालाना आय ₹8 लाख से ₹25 लाख) जोड़ी है. इस कैटेगरी के परिवार के बच्चे भी अब देश के संस्थान के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

इससे पहले इस कैटेगरी वाले केवल विदेश के लिए ही पात्र थे. अब सवाल यह है कि जब यह योजना गरीब बच्चों के लिए हैं तो देश के संस्थान में योग्यता के लिए आय सीमा को बढ़ाकर गरीब बच्चों के लिए मुकाबला कड़ा क्यों किया जा रहा है? साथ ही नए नियमों के मुताबिक, विदेश में 150 और देश में 350 सीटों पर छात्रवृत्ति मिलेगी.

पहले नए सत्र के लिए गाइडलाइन जान लीजिए

⦁ प्रथम चरण के लिए आवेदन की सीमा 21 अगस्त से 20 सितंबर 2025
⦁ इस बार कुल 500 सीटों पर आवेदन लिए जाएंगे.
⦁ 150 सीटें विदेश के संस्थानों में अध्ययन के लिए.
⦁ 350 सीटें भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई के लिए.
⦁ 30% सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित.
⦁ पिछले वर्षों की तुलना में इस बार विदेश की सीटों में कटौती की गई है.

राजस्थान में नौकरी की अनिवार्यता क्यों?

मामला सिर्फ यही तक सीमित नहीं है, बल्कि पढ़ाई पूरी करने के बाद इन स्टूडेंट्स को राजस्थान में नौकरी करना जरूरी होगा. देश के किसी कोने या विदेश में पढ़ने के बाद छात्र क्यों राजस्थान में ही नौकरी करें? क्या विदेश में उसे करियर का अच्छे करियर का अवसर मिल रहा है तो सरकार की यह गाइडलाइन उसके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं? सरकार ऐसे नियम जोड़कर आखिर बच्चों का बोझ क्यों बढ़ा रही है?

पिछले साल के मुकाबले ये बदलाव

साल 2024-25 की बात करें तो कुल 500 स्कॉलरशिप दी गई थी, जहां 365 छात्रों के चयन में से 308 विदेश और 57 देश में पढ़ाई के लिए गए थे. हालांकि 143 सीटें देश में खाली थीं, जिन्हें दोबारा खोलने की अनुमति दी गई. इस बार कुल 500 सीटों पर आवेदन मांगे गए हैं, जिनमें से 150 सीटें विदेश के संस्थानों के लिए और 350 सीटें भारत के संस्थानों के लिए हैं. डॉ. बैरवा आपके भाषण को याद कीजिए- क्या ऐसे पूरा होगा पीएम मोदी के ‘विकसित भारत-2047’ के संकल्प?

इस मौके पर उच्च शिक्षा विभाग की कमान संभाल रहे डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा का विधानसभा में दिया एक भाषण याद किया जाना चाहिए है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी के ‘विकसित भारत-2047’ के संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार विकसित राजस्थान की दिशा में काम कर रही है, जिसमें उच्च शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. सरकार अब इस संकल्प को पूरा करने के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छात्रवृत्ति लेने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं की सीटों में हर साल कटौती क्यों कर रही है?

हाईकोर्ट की टिप्पणी भी नजरंदाज कर गई सरकार?

इस साल अप्रैल में सिरोही की 20 वर्षीय छात्रा मनजीत देवड़ा ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि इस योजना का लाभ सम्पन्न विद्यार्थी ले रहे हैं और गरीब प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सहयोग देने का मूल उद्देश्य गौण हो गया है.

हाईकोर्ट ने कहा था कि करदाताओं की गाढ़ी कमाई लुटाने के इस मामले पर कोर्ट आंख नहीं मूंद सकता. साथ ही सरकार से यह भी पूछा कि क्यों न इस योजना और उसके दुरुपयोग पर रोक लगाने का आदेश दिया जाए? कोर्ट ने 25 लाख रुपए से अधिक आय वालों को योजना का लाभ देने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से लाभार्थियों का ब्यौरा मांगा भी था.

हालांकि बाद में राजस्थान हाईकोर्ट ने एकलपीठ के 29 अप्रैल को दिए इस आदेश पर खंडपीठ ने रोक लगा दी थी, जिसके तहत एकलपीठ ने स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप स्कीम के तहत 25 लाख रुपए सालाना आय वाले परिवार के अभ्यर्थी को ई3 वर्ग में दी जा ही छात्रवृत्ति पर रोक लगाई थी. वहीं अब वर्तमान नोटिफिकेशन में भी ई-3 कैटेगरी में सालाना आय 25 लाख या उससे ऊपर का प्रावधान रखा गया है और इसमें सरकार ने कोई बदलाव नहीं किया है.

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