जयपुर। राजस्थान में जिलों के बदलाव का सिलसिला जारी है। कांग्रेस सरकार के दौरान अलवर जिले से अलग कर नया जिला बनाया गया था, जिसका नाम रखा गया था खैरथल तिजारा। लेकिन अब भाजपा सरकार ने इस जिले का नाम बदलकर भर्तृहरि नगर कर दिया है। वहीं जिले के मुख्यालय और नाम परिवर्तन की संभावित योजना के खिलाफ स्थानीय लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व मुंडावर विधायक ललित यादव ने किया। सैकड़ों ग्रामीणों ने ट्रैक्टर रैली निकालकर खैरथल पहुंचकर विरोध जताया। रैली में ग्रामीणों ने जोर देकर कहा कि जिले को बचाना जरूरी है और प्रशासन को जनभावनाओं का सम्मान करना चाहिए। विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने जिला नाम और मुख्यालय बदलने के फैसले को रोकने की मांग उठाई और जनता को जिले को बचाने के लिए जागरूक करने का संदेश दिया।
मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी
रैली की शुरुआत उलाहेड़ी स्टैंड, मुंडावर से हुई और यह खैरथल पहुंचते हुए हनुमान सर्किल, रेलवे फाटक और अंबेडकर सर्किल से होकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची। ग्रामीणों और नेताओं ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर शिवपाल जाट को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में लोगों ने जिले का नाम यथावत रखने और मुख्यालय खैरथल में बनाए रखने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो आंदोलन किया जाएगा।
Q1. खैरथल जिले के नाम और मुख्यालय बदलने का विरोध क्यों हो रहा है?
भाजपा सरकार ने खैरथल तिजारा जिले का नाम बदलकर भर्तृहरि नगर कर दिया है और मुख्यालय बदलने की संभावित योजना है। इसके खिलाफ स्थानीय लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
Q2. इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किसने किया?
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व मुंडावर विधायक ललित यादव ने किया। उनके साथ कई ग्रामीण और स्थानीय नेता शामिल हुए।
Q3. रैली का मार्ग और मुख्य गतिविधियां क्या थीं?
रैली की शुरुआत उलाहेड़ी स्टैंड, मुंडावर से हुई और खैरथल पहुंचते हुए हनुमान सर्किल, रेलवे फाटक और अंबेडकर सर्किल से होकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची।
Q4. ज्ञापन में क्या मांगा गया और किसको सौंपा गया?
ज्ञापन अतिरिक्त जिला कलेक्टर शिवपाल जाट को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया। इसमें जिले का नाम यथावत रखने और मुख्यालय खैरथल में बनाए रखने की मांग की गई और चेतावनी दी गई कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन होगा।
Q5. प्रदर्शन का मुख्य संदेश क्या था?
प्रदर्शन में ग्रामीणों और नेताओं ने संदेश दिया कि जिले को बचाना जरूरी है, प्रशासन को जनभावनाओं का सम्मान करना चाहिए और जनता को जिले के संरक्षण के लिए जागरूक करने की अपील की गई।
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