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Sunday, May 11, 2025

शहीद सुरेंद्र कुमार को आखिरी सलाम: तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह पहुंची घर, मां बेसुध, पत्नी-बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल

Fast Newsशहीद सुरेंद्र कुमार को आखिरी सलाम: तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह पहुंची घर, मां बेसुध, पत्नी-बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल

पाकिस्तानी हमले में शहीद हुए झुंझुनूं के एयरफोर्स जवान, गांव मेहरादासी में हुआ अंतिम संस्कार

झुंझुनूं, राजस्थान। पाकिस्तान की ओर से हुए हमले में शहीद हुए एयरफोर्स के असिस्टेंट मेडिकल सार्जेंट सुरेंद्र कुमार को आज उनके पैतृक गांव मेहरादासी (मंडावा) में अंतिम विदाई दी गई। उनकी तिरंगा यात्रा में सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से अंतिम सलाम किया।

मां बेटे की देह देखकर बेसुध हुईं, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

जब तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह गांव पहुंची, तो मां अपने इकलौते बेटे को देखकर बेसुध हो गईं। वहीं, पत्नी और मासूम बच्चे पिता से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं

जयपुर से आई सैन्य टुकड़ी ने निभाई शहीद को सलामी की रस्म

दोपहर 12 बजे मंडावा से शुरू हुई तिरंगा यात्रा में जयपुर से आई सैन्य टुकड़ी और बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। “भारत माता की जय” और “शहीद सुरेंद्र अमर रहें” के नारों से गांव की गलियाँ गूंज उठीं।

करीब डेढ़ घंटे की यात्रा के बाद पार्थिव देह को गांव लाया गया, जहां शहीद को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

दिल्ली से सड़क मार्ग से लाई गई पार्थिव देह

सुबह 11:15 बजे, सुरेंद्र कुमार की पार्थिव देह को दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा मंडावा लाया गया। उसके बाद अंतिम यात्रा के लिए पार्थिव शरीर को फूलों से सजे वाहन में गांव ले जाया गया।

गांव में अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में नेता, सैन्य अधिकारी, ग्रामीण और युवा पहुंचे।

उधमपुर में पाकिस्तानी हमले में शहीद हुए थे सुरेंद्र

शहीद सुरेंद्र कुमार की तैनाती उधमपुर एयरबेस पर थी। शनिवार सुबह पाकिस्तानी हमले में वे कर्तव्य निभाते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। सुरेंद्र न केवल परिवार के इकलौते बेटे थे, बल्कि पूरे गांव के लिए गौरव का प्रतीक भी थे।

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