नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा है कि उसने घर खरीदारों से धोखाधड़ी के मामले से जुड़ी धनशोधन जांच में जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल), जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) और अन्य संस्थाओं के खिलाफ छापेमारी के दौरान 1.70 करोड़ रुपये नकद और अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 23 मई को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मुंबई में 15 परिसरों पर छापेमारी की गई थी।
छापेमारी के दौरान जेएएल, इसकी संबंधित संस्थाओं और इसके प्रवर्तक निदेशकों के कार्यालयों तथा परिसरों की तलाशी ली गई।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने रविवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘गौरसंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गुलशन होम्ज प्राइवेट लिमिटेड और महागुन रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड सहित जेएएल के प्रमुख कारोबारी सहयोगियों से संबंधित कार्यालयों और परिसरों पर भी तलाशी ली गई।’’
धनशोधन का यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जेएएल, जेआईएल जैसी कंपनियों और उनके प्रवर्तकों तथा निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है।
प्राथमिकी में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है, जिसमें जेपी विशटाउन (जेआईएल) और जेपी ग्रीन्स (जेएएल) जैसी परियोजनाओं में आवासीय अपार्टमेंट और भूखंडों के आवंटन के बहाने घर खरीदारों और निवेशकों को धन निवेश करने के लिए बेईमानी से प्रेरित करना शामिल है।
तलाशी के दौरान, प्रवर्तकों, उनके परिवार के सदस्यों और समूह की कंपनियों के नाम पर अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेजों के साथ-साथ वित्तीय दस्तावेज और डिजिटल उपकरण तथा 1.70 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई।
वर्तमान में दिवालियापन कार्यवाही का सामना कर रही जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड सीमेंट, निर्माण, रियल एस्टेट, बिजली और आतिथ्य व्यवसाय में है।
सुरक्षा रियल्टी ने एनसीआर में लगभग 20,000 फ्लैटों वाली रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए दिवालियापन के माध्यम से जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड का अधिग्रहण किया है।
संबंधित कंपनियों या प्रवर्तकों की ओर से प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
भाषा नेत्रपाल मनीषा
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