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Wednesday, July 16, 2025

शतरंज उबाऊ है, गुकेश, प्रज्ञानानंदा के पास इसे अगले स्तर पर ले जाने क्षमता: नाकामुरा

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… अजय मसंद …

स्टवांगेर (नॉर्वे) 26 मई (भाषा) डी गुकेश और आर प्रज्ञानानंदा को भारतीय प्रशंसकों से मिलने वाले समर्थन से प्रभावित अमेरिका के ग्रैंडमास्टर और विश्व के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा का मानना है कि पश्चिमी देशों में ‘उबाऊ’ शतरंज को बढ़ावा देने के लिए मजबूत व्यक्तित्व का होना जरूरी है। शानदार शतरंज खिलाड़ी के साथ नाकामुरा की पहचान स्ट्रीमर (ऑनलाइन वीडियो या ऑडियो साझा करने वाला) की भी है। उन्हें यह समझने में ज्यादा देर नहीं लगी कि  शतरंज जैसे व्यक्ति आधारित ‘उबाऊ’ खेल में पहचान बनाने के लिए प्रौद्योगिकी की जरूरत होती है। वह मैचों की लाइव स्ट्रीमिंग और इस खेल को लेकर अपने दृष्टिकोण के लिए दुनिया के सबसे उत्सुकता से अनुसरण किए जाने वाले शतरंज खिलाड़ियों में से एक हैं नाकामुरा ने नॉर्वे शतरंज के इतर बातचीत के दौरान कहा, ‘‘ज्यादातर लोगों के लिए, यह (शतरंज) बस एक बहुत ही उबाऊ खेल है। ऐसे में इसे आगे बढ़ाने का एकमात्र तरीका यह है कि प्रशंसकों को आपका व्यक्तित्व समझने का मौका मिले जिससे वह आपसे और अधिक जुड़ाव महसूस कर सकें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ खासकर भारत आप देख सकते है कि गुकेश या प्रज्ञानानंदा या अर्जुन (एरिगेसी) को आप जब विश्व कप या ऐसे किसी आयोजन में खेलते देखते है तो प्रशंसकों का पूरा समर्थन मिलता है।’’ सैंतीस साल के नाकामुरा ने 15 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गये थे। वह उस समय ऐसा करने वाले सबसे कम उम्र के अमेरिकी  खिलाड़ी थे। वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रैपिड और ब्लिट्ज खिलाड़ियों में से एक हैं और उन्होंने 2023 में नॉर्वे शतरंज जीता। नाकामुरा एक बार फिर से छह खिलाड़ियों के इस टूर्नामेंट को जीतने के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं। अमेरिकी खिलाड़ी ने कहा कि भारत में शतरंज के विकास के लिए बहुत संभावनाएं है क्योंकि वहां के लोग विश्व चैंपियन गुकेश और प्रज्ञानानंदा जैसे खिलाड़ियों को देखने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय प्रशंसक अपने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने आते है। इसलिए, मुझे लगता है कि यह खिलाड़ियों के व्यक्तित्व और उनके देश के बारे में अधिक है। आप अगर किसी खिलाड़ी या देश के साथ प्रशंसकों को ला सकते हैं तो खेल के विकास की संभावना काफी बढ़ जाती है। शतरंज ओलंपियाड में पदक जीतने वाली अमेरिका के टीम के कई बार सदस्य रहे नाकामुका ने कहा कि पश्चिमी देश की तुलना में भारत खिलाड़ियों के व्यक्तित्व का लाभ उठा कर खेल को अगले स्तर तक ले जाने के लिए अच्छी स्थिति में है। उन्होंने कहा, ‘‘ जब आप पश्चिम की ओर देखते हैं, आप अमेरिका या इंग्लैंड या इनमें से कुछ पश्चिमी देशों को देखते हैं। मुझे लगता है कि भारत की तुलना में इन देशों में इस खेल को लेकर ज्यादा रुचि नहीं है।  मुझे लगता है कि आप व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द खेल को बढ़ावा देकर इसे बढ़ा बना सकते हैं।’’ उन्होंने खेल को रोमांचक बनाने के लिए हृदय गति मॉनीटर और अन्य चीजें को दिखाने की सलाह दी। भाषा आनन्द मोनामोना

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