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Sunday, July 6, 2025

कांग्रेस ने जाति जनगणना पर पहले के बयानों को लेकर प्रधानमंत्री और योगी पर निशाना साधा

Newsकांग्रेस ने जाति जनगणना पर पहले के बयानों को लेकर प्रधानमंत्री और योगी पर निशाना साधा

नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) कांग्रेस ने जाति जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले के कुछ बयानों को लेकर सोमवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि अब प्रधानमंत्री उम्मीद के मुताबिक जाति जनगणना का श्रेय ले रहे हैं।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंतत्री योगी आदित्यनाथ ने जाति जनगणना और आरक्षण के खिलाफ तल्ख बयान दिए थे।

रमेश ने प्रधानमंत्री के अतीत के उन दो बयानों का संक्षिप्त वीडियो जारी किया जिसमें मोदी ने जाति जनगणना की पैरोकारी करने वालों को समाज को बांटने वाला और ‘अर्बन नक्सल’ की सोच वाला बताया था।

उन्होंने आदित्यनाथ का जो वीडियो साझा किया, उसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री यह कहते सुने जा सकते हैं कि जाति जनगणना की बात करने वाले बांटने का प्रयास कर रहे हैं।

रमेश ने सोमवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बीच की अवधि में 30 अप्रैल, 2025 को मोदी सरकार ने अप्रत्याशित रूप से और अचानक जाति जनगणना की घोषणा की। कल, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्रधानमंत्री ने उम्मीद के मुताबिक इसका पूरा श्रेय लिया।’’

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के पहले के कुछ बयानों का वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘‘जरा सुनिए, प्रधानमंत्री ने क्या कहा… जब 2 अक्टूबर, 2023 को बिहार जाति सर्वेक्षण के आंकड़े जारी किए गए और 28 अप्रैल, 2024 को जब कांग्रेस द्वारा जाति जनगणना की मांगों के बारे में उनसे सवाल पूछा गया था।’’

रमेश ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के एक बयान का वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने जाति जनगणना को ‘अर्बन नक्सल’ विचार कहा था। अब जरा सोचिए कि मोदी के 75 साल के होने के बाद उनकी कुर्सी संभालने को बेताब अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) जाति जनगणना पर क्या राय रखते हैं? अनुसूचित जातियों, जनजातियों और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के खिलाफ दिए गए उनके पुराने तल्ख बयानों को जरा सुनिए।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में कहा था कि जातिगत जनगणना उनकी सरकार के उस मॉडल की दिशा में एक कदम है जो हाशिये पर पड़े और हर क्षेत्र में पीछे रह गए लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए है।

भाषा हक हक नरेश

नरेश

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