नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री जयंत चौधरी की अध्यक्षता में केंद्रीय अप्रेंटिसशिप परिषद (सीएसी) ने सोमवार को दो योजनाओं के तहत प्रशिक्षुओं को देय न्यूनतम मासिक मानदेय बढ़ाने का फैसला किया।
ये मानदेय इस समय 5,000 रुपये से 9,000 रुपये तक है, और प्रस्तावित वृद्धि के बाद इसे बढ़ाकर 6,800 रुपये से 12,300 रुपये तक कर दिया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि प्रशिक्षु मानदेय में संशोधन को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में बदलाव के आधार पर द्विवार्षिक रूप से समायोजित करने का प्रस्ताव है।
एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमारे पास दो योजनाएं हैं। पीएम-राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना (पीएम-एनएपीएस) के तहत सरकार का योगदान 1,500 रुपये या मानदेय राशि का 25 प्रतिशत है, जबकि सरकार राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के तहत मानदेय राशि का 50 प्रतिशत योगदान करती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस समय मानदेय की दरें 5,000 रुपये से 9,000 रुपये तक हैं। इसे अब बढ़ाकर 6,800 रुपये से 12,300 रुपये कर दिया गया है।’’
एनएपीएस कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है। दूसरी ओर एनएटीएस को शिक्षा मंत्रालय के तहत उच्च शिक्षा मंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है।
चौधरी ने बैठक के बाद कहा कि विभिन्न श्रेणियों में मानदेय 30 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है, जिससे उद्योग और देश के युवाओं को लाभ मिलेगा।
भाषा पाण्डेय अजय
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