नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने सोमवार को कहा कि फिलहाल संक्रमण की प्रकृति गंभीर नहीं है और इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।
कोविड का नए स्वरूप सामने आने के बाद बहल ने कहा कि पश्चिम और दक्षिण में नमूनों की जीनोम अनुक्रमण से पता चला है कि नये स्वरूप गंभीर नहीं हैं और ये ओमीक्रॉन के उप-स्वरूप हैं। एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1 और एनबी. 1.8.1 नए स्वरूप हैं।
उन्होंने कहा कि पहले तीन स्वरूप के मामले ज्यादा हैं। उन्होंने कहा,‘‘ अन्य जगहों से लिए गए नमूनों की अनुक्रमणिका बनाई जा रही है और हमें एक या दो दिन में पता चल जाएगा कि और स्वरूप हैं या नहीं।’’
आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा कि मामलों में तेजी आई है – पहले दक्षिण में, फिर पश्चिम में और अब उत्तर भारत में। इन सभी मामलों की निगरानी एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के माध्यम से की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा उभरते संक्रमणों और रोगाणुओं पर नजर रखी जा ही है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब भी मामले बढ़ते हैं हम तीन चीजों को देखते हैं। यह तीन कारकों पर निर्भर करता है, पहला ये कि यह कितना संक्रामक है, मामले कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले हमने देखा कि कोविड के मामले दो दिनों में दोगुने हो गए थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है कि मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।’’
बहल ने कहा, ‘‘ दूसरा, क्या नए स्वरूप हमारी पिछली प्रतिरक्षा को चकमा दे रहे हैं? जब नए स्वरूप आते हैं, तो वे प्रतिरक्षा को चकमा देते हैं – चाहे वह प्राकृतिक हो या टीके से। लेकिन फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि तीसरा कारक कोविड के कुल मामलों में गंभीर मामलों का प्रतिशत है।
आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा, ‘‘ क्या हम बिना किसी सह-रुग्णता के बहुत गंभीर बीमारी की ओर बढ़ रहे हैं? अभी तक, यह ज्यादा गंभीर नहीं है। चिंता की कोई बात नहीं है। हमें सतर्क रहना चाहिए और हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।’’
बहल ने संवाददाताओं को यह भी बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने रविवार को एक बैठक की अध्यक्षता की जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक और वह स्वयं भी शामिल हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। हमें इस समय सतर्क रहना चाहिए लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। आम जनता को सतर्क रहना चाहिए। अभी इस तरह की कोई कार्रवाई करने की ज़रूरत नहीं है।’’
बूस्टर डोज की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी टीकाकरण की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में टीका बनाने की क्षमता है और जरूरत पड़ने पर हम कुछ ही समय में कोई भी टीका बना सकते हैं।’’
भाषा शोभना अविनाश
अविनाश