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Wednesday, July 9, 2025

चिंता की कोई बात नहीं: आईसीएमआर महानिदेशक ने कोविड के बढ़ते मामलों पर कहा

Newsचिंता की कोई बात नहीं: आईसीएमआर महानिदेशक ने कोविड के बढ़ते मामलों पर कहा

नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) देश के कुछ हिस्सों में कोविड के मामले बढ़ने के बीच, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने सोमवार को कहा कि संक्रमण को लेकर गंभीरता की स्थिति अभी तक आमतौर पर हल्की है और चिंता की कोई बात नहीं है।

कोविड के नए स्वरूपों का पता लगाए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि पश्चिम और दक्षिण में नमूनों के जीनोम अनुक्रमण से पता चला है कि कोविड विषाणु के नए स्वरूप (वेरिएंट) गंभीर नहीं हैं और वे ओमीक्रॉन के उप-स्वरूप हैं। इनमें एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1 और एनबी. 1.8.1 हैं।

डॉ. बहल ने कहा कि पहले तीन उप-स्वरूप अधिक प्रचलित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अन्य स्थानों से नमूनों का अनुक्रमण किया जा रहा है और हमें एक या दो दिन में पता चल जाएगा कि क्या और भी स्वरूप हैं।’’

आईसीएमआर महानिदेशक ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों में उछाल आया है और पहले दक्षिण से, फिर पश्चिम से और अब उत्तर भारत से इसके मामलों में वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों की निगरानी एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के माध्यम से की जा रही है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, आईसीएमआर का राष्ट्रव्यापी श्वसन वायरस प्रहरी निगरानी नेटवर्क उभरते संक्रमणों और रोगाणु जनकों (पैथोजन) पर नजर रख रहा है।

बहल ने कहा, ‘‘जब भी मामले बढ़ते हैं, हम तीन चीजों पर ध्यान देते हैं। यह तीन कारकों पर निर्भर करता है, पहला कि यह कितना संक्रामक है, इसके विपरीत मामले कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले हमने देखा कि कोविड के मामले दो दिनों में दोगुने हो जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है कि मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा, क्या नए स्वरूप हमारी पिछली प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा दे रहे हैं? जब नए वेरिएंट आते हैं, तो वे प्रतिरक्षा तंत्र को चकमा देते हैं – चाहे वह प्राकृतिक हो या टीकाकरण से बना हो। लेकिन फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि तीसरा कारक कोविड के कुल मामलों में गंभीर संक्रमणों का प्रतिशत है।

बहल ने कहा, ‘‘क्या हमें बिना किसी अन्य सहवर्ती रोग के बहुत गंभीर बीमारी हो रही है? अभी तक, गंभीरता आमतौर पर कम है। चिंता की कोई बात नहीं है। हमें सतर्क रहना चाहिए और हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।’’

डॉ. बहल ने संवाददाताओं को यह भी बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने रविवार को एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक और वह स्वयं भी शामिल हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। हमें इस समय सतर्क रहना चाहिए, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है।’’

अधिकारी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का डेटाबेस दिखा रहा है कि कोविड के नए स्वरूप गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को तुरंत कोई कार्रवाई करने की ज़रूरत नहीं है। उन्हें सामान्य सावधानियों का पालन करना चाहिए। इसलिए, अभी कुछ खास करने की जरूरत नहीं है।’’

बूस्टर खुराक की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी टीकाकरण की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में टीका बनाने की क्षमता है और अगर जरूरत पड़ी तो हम कुछ ही समय में कोई भी टीका बना सकते हैं।’’

मई 2025 तक, डब्ल्यूएचओ ने एलएफ.7 और एनबी.1.8 उप-स्वरूपों को निगरानी में रखे जाने वाले वेरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है, न कि चिंताजनक स्वरूप के रूप में, लेकिन ये वे स्वरूप हैं जो कथित तौर पर चीन में और एशिया के कुछ हिस्सों में कोविड के मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं।

भाषा वैभव सुरेश

सुरेश

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