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Thursday, July 10, 2025

संपर्क को वस्तु नहीं, संवैधानिक प्रतिबद्धता के रूप में लें दूरसंचार कंपनियां : सिंधिया

Newsसंपर्क को वस्तु नहीं, संवैधानिक प्रतिबद्धता के रूप में लें दूरसंचार कंपनियां : सिंधिया

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को संपर्क (कनेक्टिविटी) को केवल एक वस्तु के रूप में नहीं, बल्कि एक संवैधानिक प्रतिबद्धता के रूप में देखना चाहिए। साथ ही इसके लिए उन्हें सामर्थ्य, उपलब्धता, पहुंच व तेज डेटा गति जैसे प्रमुख कारकों को ध्यान में रखना चाहिए।

इंटरनेट सेवा प्रदाता संस्था आईएसपीएआई और सरकार समर्थित निक्सी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि पांच दिन पहले भारत, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। उन्हें दूरसंचार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस होता है। हम 14 से 16 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ-साथ पूर्वोत्तर में 12-13 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

मंत्री ने कहा, ‘‘ ….आप भारत की डिजिटल ज्योति के रखवाले हैं। संपर्क को केवल एक वस्तु के रूप में नहीं, बल्कि एक संवैधानिक प्रतिबद्धता के रूप में देखें।’’

उन्होंने दूरसंचार परिचालकों और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) को सामर्थ्य, उपलब्धता, पहुंच, गुणवत्ता, सुरक्षा व कृत्रिम मेधा एवं इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटीत) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।

मंत्री ने कहा कि भारत में जहां एक जीबी डेटा की कीमत 287 रुपये हुआ करती थी, वहीं वर्तमान में इसकी कीमत केवल नौ रुपये है।

सिंधिया ने कहा, ‘‘ 11 सेंट पर, भारत आज दुनिया में सबसे सस्ता डेटा प्रदाता है। औसत वैश्विक लागत 2.59 अमेरिकी डॉलर है।’’

उन्होंने कहा कि यदि डेटा तरल सोना या काला तेल है, तो भारत उस तरल सोने और काले तेल का गढ़ है।

मंत्री ने कहा, ‘‘ ऐसा कोई वजह मौजूद नहीं है कि भारत विश्व की डेटा राजधानी न बने। प्रधानमंत्री ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि यह भारत की सदी है, और यह वास्तव में भारत की सदी है…भारत एक दशक में दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।’’

उन्होंने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से देश भर में संपर्क का विस्तार करने के लिए ग्रामीण ब्रॉडबैंड परियोजना भारतनेट का लाभ उठाने को कहा।

मंत्री ने कहा कि 1,39,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी निवेश है जो देश के कोने-कोने में प्रत्येक गांव तक नेटवर्क उपलब्ध कराएगा।

सिंधिया ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री ने संकल्प किया है कि एनबीएम 2.0 के माध्यम से हमें हर एक गांव को जोड़ना चाहिए, लेकिन केवल हर एक गांव को ही नहीं, हमें हर एक स्कूल को भी जोड़ना होगा। हमें हर एक अस्पताल को जोड़ना होगा क्योंकि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।’’

उन्होंने कहा कि एनबीएम 2.0 ब्रॉडबैंड नेटवर्क का 95 प्रतिशत ‘अपटाइम’ (सेवा) और पूरे नेटवर्क में न्यूनतम 100 एमबीपीएस की गति सुनिश्चित करेगा।

भाषा निहारिका अजय

अजय

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