नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ के निकट यात्री नौका और टर्मिनल सुविधा परियोजना के निर्माण कार्य पर रोक लगाने से मना कर दिया गया था।
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय इस मामले पर विचार कर रहा है और इस पर 16 जून को सुनवाई होने वाली है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘शहर के लिए कुछ अच्छा हो रहा है। हर कोई तटीय सड़क का विरोध करता है। अब आप देख सकते हैं कि तटीय सड़क का क्या लाभ है। दक्षिण मुंबई से एक व्यक्ति 40 मिनट में वर्सोवा पहुंच सकता है। पहले इसमें तीन घंटे लगते थे।’’
पीठ ने जानना चाहा कि क्या अधिकारियों को परियोजना के लिए आवश्यक मंजूरी मिल गई है। महाराष्ट्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने परियोजना के लिए ली गई सात मंजूरी का हवाला दिया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने कहा कि परियोजना दो वर्षों के भीतर पूरी की जानी है। वकील ने दावा किया, ‘‘यह परियोजना केवल समाज के एक विशेष वर्ग के लाभ के लिए बनाई जा रही है और यह बिना किसी जन सुनवाई और बिना किसी मंजूरी के बनाई जा रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि इस योजना को 2025 में आगे बढ़ाया गया और याचिकाकर्ताओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया।
भाटी ने कहा कि याचिकाकर्ताओं का यह दावा कि यह सुविधा केवल अति महत्वपूर्ण लोगों को ही मिलेगी, ‘‘बिल्कुल गलत’’ है।
वकील ने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि यह एक सार्वजनिक अवसंरचना परियोजना है। यह दैनिक यात्रियों के लिए है।’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘जैसे हर कोई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट चाहता है, लेकिन हर कोई कहता है कि मेरे घर के पीछे नहीं।’’
पीठ ने कहा कि वह याचिका पर सुनवाई करने के लिए इच्छुक नहीं है, क्योंकि उच्च न्यायालय पहले ही मामले पर विचार कर रहा है।
उच्च न्यायालय ने परियोजना को जनहित में बताते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, अदालत ने कहा था कि निर्माण कार्य परियोजना के खिलाफ दायर याचिका पर निर्णय के अधीन होगा।
सरकार ने पूर्व में उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया था कि यात्री नौका परियोजना के तहत ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ के पास गिराए जाने के लिए चिह्नित दीवार को अगली सुनवाई तक नहीं गिराया जाएगा।
भाषा आशीष दिलीप
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