माले, 27 मई (भाषा) भारतीय उच्चायुक्त जी बालासुब्रमण्यम ने कहा है कि भारत और मालदीव के बीच संबंध बहुत पुराना है जो आपसी विश्वास और भरोसे पर आधारित है। साथ ही उन्होंने यह उम्मीद भी जतायी कि दोनों देशों के संबंध और मजबूत होते रहेंगे।
बालासुब्रमण्यम ने पीएसएम न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में द्विपक्षीय संबंधों को ‘मजबूत और स्थायी साझेदारी’ के रूप में वर्णित किया और दोनों देशों के बीच राजनयिक और आर्थिक सहयोग की ताकत को रेखांकित किया।
मालदीव के विकास में भारत के योगदान की बात करते हुए, उन्होंने ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को रेखांकित किया, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस परियोजना के तहत थिलामाले ब्रिज, जो माले को थिलाफुशी से जोड़ेगा, एक प्रमुख पहल के रूप में सामने आता है।’’ साथ ही उन्होंने बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे में निवेश के माध्यम से आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में भारत की भूमिका की पुष्टि की।
उन्होंने पिछले वर्ष मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा को याद किया और कहा कि उनकी ऐतिहासिक यात्रा ने घनिष्ठ द्विपक्षीय सहयोग के लिए आधार तैयार किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हस्ताक्षरित ‘दृष्टि दस्तावेजों’ को क्रियान्वयन योग्य नीतियों में परिवर्तित करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ये समझौते रणनीतिक संबंधों को गहरा करने और संयुक्त पहल को आगे बढ़ाने के लिए तैयार किए गए हैं।’
नवंबर 2023 में चीन समर्थक झुकाव के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू के शीर्ष पद का कार्यभार संभालने के बाद भारत और मालदीव के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया।
शपथ लेने के कुछ ही घंटे के भीतर ही उन्होंने भारतीय सैन्यकर्मियों को मालदीव से वापस बुलाने की मांग कर दी थी। इसके बाद, भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह आम नागरिकों को तैनात कर दिया गया।
मुइज्जू ने पिछले वर्ष अक्टूबर में दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने का संकल्प जताया, जिसके बाद संबंधों में मधुरता आयी थी।
बालासुब्रमण्यम ने विश्वास जताया कि मालदीव-भारत संबंध मजबूत होते रहेंगे तथा कूटनीतिक, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा।
भाषा अमित माधव
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