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Wednesday, July 16, 2025

झारखंड में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में भाकपा (माओवादी) कमांडर मारा गया

Newsझारखंड में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में भाकपा (माओवादी) कमांडर मारा गया

मेदिनीनगर (झारखंड), 27 मई (भाषा) झारखंड के पलामू जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी (भाकपा-माओवादी) का एक कमांडर मारा गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी के अनुसार मुठभेड़ में एक अन्य माओवादी घायल हुआ है और उस पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित है।

पुलिस ने कहा कि मुठभेड़ के बाद तलाश अभियान के दौरान एक ‘सेल्फ लोडिंग राइफल’ (एसएलआर) समेत कई हथियार बरामद किए गए।

पुलिस ने बताया कि सोमवार को हुसैनाबाद के बरवाही और नईया गांवों के बीच सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई।

पलामू की पुलिस अधीक्षक (एसपी) रेशमा रमेसन ने कहा, ‘‘ पलामू में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ के बाद भाकपा (माओवादी) के एक सदस्य का शव बरामद किया गया है।’’

उन्होंने बताया,‘‘ कल सूचना मिली थी कि 15 लाख रुपये के इनामी नक्सली नितेश यादव समेत दो माओवादी अपने साथियों के साथ हुसैनाबाद पुलिस थाने के अंतर्गत बरवाही और नईया गांवों के बीच एक स्थान पर एकत्र हुए हैं और किसी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं।’’

उन्होंने बताया कि झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई। गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने इलाके में तलाश अभियान संचालित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ जैसे ही माओवादियों ने सुरक्षाकर्मियों को देखा उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। टीम ने जवाबी कार्रवाई की जिसके परिणामस्वरूप तुलसी भुइयां की मौत हो गई। हमने घटनास्थल से एक एसएलआर, एक मैगजीन और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद की हैं।’’

रमेसन ने बताया कि तलाश अभियान अब भी जारी है।

पलामू के महानिरीक्षक सुनील भास्कर ने बताया कि पुलिस ने 300 गोलियां चलाईं और करीब 12 घंटे तक मुठभेड़ जारी रही। गोलीबारी में कम से कम छह माओवादी शामिल थे।

सुरक्षा बलों ने यहां बड़े पैमाने पर नक्सल विरोधी अभियान चलाया है और पिछले कुछ दिनों में तीन खूंखार माओवादियों को ढेर कर दिया गया है, जिनमें से एक सोमवार को मारा गया।

लातेहार जिले में सोमवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में भाकपा-माओवादी का सदस्य मनीष यादव मारा गया था। उस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। अभियान के दौरान एक अन्य माओवादी कुंदन खेरवार को गिरफ्तार किया गया था।

संगठन के स्वयंभू जोनल कमांडर कुंदन पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित था। उसके कब्जे से दो एक्स-95 ऑटोमेटिक राइफल और गोला-बारूद बरामद किए गए।

मनीष और कुंदन पिछले 12 वर्षों से भाकपा (माओवादी) में सक्रिय थे और मनीष 40 मामलों में वांछित था, जबकि कुंदन 27 मामलों में वांछित था।

ये दोनों कई घटनाओं में शामिल थे, जिनमें सात जनवरी 2013 को बरवाडीह थाना क्षेत्र के अमवतीकर टोला में हुई मुठभेड़ भी शामिल है। इसमें 10 पुलिसकर्मी मारे गए थे और 15 घायल हो गए थे।

इससे पहले 24 मई को लातेहार जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में ‘झारखंड जन मुक्ति परिषद’ (जेजेएमपी) के शीर्ष नेता पप्पू लोहरा और जेजेएमपी का उप-जोनल स्वयंभू कमांडर प्रभात गंझू मारा गया था। पप्पू पर 10 लाख रुपये जबकि गंझू पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था।

लोहरा गुमला, लोहरदगा, चतरा, पलामू और लातेहार जैसे कई जिलों में हत्या, जबरन वसूली और आगजनी सहित 98 मामलों में वांछित था।

दोनों सितंबर 2021 में एक अभियान के दौरान झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार की हत्या में कथित तौर पर शामिल थे।

भाषा शोभना पवनेश

पवनेश

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