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Sunday, July 6, 2025

बांग्लादेश में कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी, सचिवालय में अर्द्धसैनिक बल की तैनाती

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ढाका/नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) बांग्लादेश में नये सेवा कानून के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों का सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन लगातार चौथे दिन भी जारी रहने के बीच मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली देश की अंतरिम सरकार ने मंगलवार को वहां अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी।

नये कानून के तहत अधिकारियों को कदाचार के लिए आसानी से बर्खास्त किया जा सकेगा।

अर्द्धसैनिक बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी), पुलिस की विशेष हथियार एवं रणनीति (एसडब्ल्यूएटी) इकाई तथा विशिष्ट अपराध-रोधी रेड एक्शन बटालियन (आरएबी) को मंत्रालयों और महत्वपूर्ण कार्यालयों वाले सचिवालय परिसर के प्रवेश द्वारों पर तैनात किया गया है, जबकि पत्रकारों और आगंतुकों को परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया है।

बीजीबी, एसडब्ल्यूएटी और आरएबी नियमित पुलिस और अन्य विशेष इकाइयों के साथ मिलकर घटनास्थल पर कड़ी निगरानी रख रही हैं, जहां अंतरिम सरकार के सहयोगी छात्र संगठन जुलाई मंच ने भी प्रदर्शनकारियों की निंदा करते हुए सचिवालय के बाहर अपेक्षाकृत एक छोटी रैली की।

‘द ढाका ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों ने लोक सेवा (संशोधन) अध्यादेश-2025 को निरस्त करने की मांग को लेकर मंगलवार को चौथे दिन भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा, जिससे सचिवालय में प्रशासनिक गतिविधियां ठप्प हो गईं।

प्रदर्शनकारियों ने अध्यादेश को ‘अवैध काला कानून’ करार देते हुए इसकी वैधता को खारिज करते हुए नारेबाजी की।

सोमवार को बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के सार्वजनिक सुरक्षा प्रभाग ने मंगलवार के लिए सचिवालय में सभी प्रकार के आगंतुकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) ने सचिवालय और आस-पास के क्षेत्रों में रैलियों और सभाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

अखबार के अनुसार, रविवार शाम को राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश सरकार को चार प्रकार के अनुशासनात्मक उल्लंघनों के लिए कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस के माध्यम से, बिना औपचारिक विभागीय कार्यवाही शुरू किए, बर्खास्त करने की अनुमति देता है।

बृहस्पतिवार को सलाहकार परिषद द्वारा मसौदा कानून को मंजूरी दिए जाने के बाद सचिवालय कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया तथा कानून को अन्यायपूर्ण और असंवैधानिक बताया।

रविवार को सचिवालय के सभी कर्मचारी संगठनों ने कानून वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखने का संकल्प जताया।

सिविल प्रशासन का यह विरोध प्रदर्शन बांग्लादेश की सेना और अंतरिम सरकार के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा और चुनाव के मुद्दों पर कथित मतभेद के बीच हुआ है। हालांकि, सोमवार को प्रेस वार्ता में सेना ने कहा कि वह अंतरिम प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही है।

बांग्लादेश के सैन्य अभियान निदेशक ब्रिगेडियर जनरल एम नाज़िम-उद-दौला ने ढाका छावनी में प्रेस को बताया, ‘(लेकिन) जब देश की स्वतंत्रता, सुरक्षा और संप्रभुता की बात आती है तो कोई समझौता नहीं किया जाएगा।’

पिछले सप्ताह सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमां ने नौसेना और वायुसेना प्रमुखों के साथ युनुस से मुलाकात की थी और दिसंबर तक चुनाव कराने की अपनी मांग दोहरायी जिससे निर्वाचित सरकार कार्यभार संभाल सके।

इस बीच, स्थानीय मीडिया ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में ढाका में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है।

डेली स्टार समाचार पत्र ने मंगलवार को बताया, ‘‘पिछले कुछ सप्ताहों में राजधानी में हुई हत्याओं और लूटपाट की घटनाओं ने ढाका की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नयी चिंताएं पैदा कर दी हैं।’

पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के अनुसार, जनवरी से अप्रैल के बीच ढाका में हिंसक अपराध में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

भाषा

अमित माधव

माधव

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