बेंगलुरु, 27 मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री वी सोमन्ना ने कर्नाटक सरकार के राज्य में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों को बंद करने के फैसले को मंगलवार को ‘‘गरीब विरोधी’’ बताया और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
सोमन्ना ने सिद्धरमैया को लिखे पत्र में निराशा व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘ मैं राज्य में जन औषधि केन्द्रों को बंद करने के कर्नाटक सरकार के निर्णय पर कर्नाटक के लोगों विशेषकर गरीब, वंचित वर्गों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह भी जानता हूं कि कर्नाटक सरकार जन औषधि केंद्रों के लिए नए आवेदनों को खारिज करने के अलावा मौजूदा लाइसेंसों की अवधि समाप्त होने पर उनका नवीनीकरण भी नहीं कर रही है।’’
हालांकि, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने पहले स्पष्ट किया था कि केवल सरकारी अस्पतालों के परिसर में संचालित जन औषधि केंद्रों को बंद किया गया है, सरकारी अस्पताल परिसर के बाहर संचालित होने वाले केंद्र सुचारू रहेंगे।
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने भी सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्रों को बंद करने के सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कदम की आलोचना की और चेतावनी दी कि यदि निर्णय वापस नहीं लिया गया तो पार्टी गरीबों को परेशानी न हो यह सुनिश्चित करने के लिए पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी।
भाषा शोभना वैभव
वैभव