हमीरपुर/शिमला (हिमाचल प्रदेश), 28 मई (भाषा) श्रमिक संगठन सीटू से जुड़े ‘102’ और ‘108’ एंबुलेंस के सैकड़ों कर्मियों ने न्यूनतम वेतन की मांग को लेकर मंगलवार रात से 24 घंटे की हड़ताल शुरू की।
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के नेताओं ने बुधवार को कहा कि यह हड़ताल लंबे समय से न्यूनतम वेतन नहीं दिये जाने से उत्पन्न असंतोष के कारण हुई है। न्यूनतम वेतन नहीं मिलने से श्रमिको का उत्पीड़न हो रहा था।
उन्होंने बताया कि हड़ताल के कारण बुधवार शाम आठ बजे तक एंबुलेंस कर्मचारी अपनी सेवाएं प्रदान नहीं करेंगे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के प्रबंध निदेशक और मेडसवान फाउंडेशन कंपनी के राज्य प्रमुख ने मांगों को लेकर बैठक भी की, लेकिन संतोषजनक आश्वासन नहीं मिलने के कारण हड़ताल जारी रही ।
सीटू ने चेतावनी दी कि यदि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
कर्मचारियों की मांगों में सरकारी नियमों के अनुसार न्यूनतम वेतन का भुगतान, बारह घंटे काम करने वालों के लिए दोगुना ओवरटाइम भुगतान, सभी छुट्टियों का प्रावधान और रखरखाव अवधि के दौरान वेतन में कोई कटौती नहीं करने के अलावा वाहनों और कर्मचारियों का बीमा शामिल है।
श्रमिक नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कई कर्मचारियों को बिना किसी कारण कई महीनें पहले से ड्यूटी से हटा दिया गया है और उन्हें धमकाया भी गया है।
हड़ताली कर्मचारियों ने शिमला, हमीरपुर सहित कई स्थानों पर बुधवार को रैली भी निकाली।
सीटू के झंडे और बैनर लिए प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की।
एनएचएम के प्रबंध निदेशक के दफ्तर और मेडसवान फाउंडेशन के मुख्यालय समेत कर्मियों ने राज्य के सभी जिलों में प्रदर्शन किया।
सीटू के राज्य उपाध्यक्ष समित कुमार ने आरोप लगाया कि एनएचएम के तहत काम कर रही मेडसवान फाउंडेशन कर्मचारियों का शोषण कर रही है।
उन्होंने कहा कि कई कर्मचारी 12-12 घंटे काम करने के बावजूद ‘ओवरटाइम’ भुगतान से वंचित हैं और उन्होंने राज्य उच्च न्यायालय, श्रम न्यायालय एवं श्रम विभाग द्वारा जारी न्यूनतम वेतन आदेशों को तत्काल लागू करने की मांग की।
भाषा राखी पवनेश
पवनेश