32.4 C
Jaipur
Saturday, July 5, 2025

ऑपरेशन सिंदूर: तृणमूल की जून में संसद का विशेष सत्र आहूत करने की मांग

Newsऑपरेशन सिंदूर: तृणमूल की जून में संसद का विशेष सत्र आहूत करने की मांग

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बुधवार को मांग की कि मानसून सत्र से पहले जून में संसद का विशेष सत्र आहूत किया जाए, ताकि ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार से कुछ जरूरी सवालों के जवाब मिल सकें।

तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राजनीतिक रैलियां आयोजित करके ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण करने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया।

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद से विपक्षी दल संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सांसदों को जानकारी देने के लिए आयोजित सर्वदलीय बैठक में भी यह मांग उठाई गई थी।

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस की उपनेता सागरिका घोष ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अब हमारा मानना ​​है कि सरकार को पूर्ण समर्थन देने के बाद हम सांसद कपिल सिब्बल द्वारा सबसे पहले की गई मांग का समर्थन करते हैं – कि संसद का विशेष सत्र होना चाहिए। हम मांग करते हैं कि मानसून सत्र से पहले जून में विशेष सत्र आयोजित किया जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब जब विदेशों में भारतीय दृष्टिकोण सुन लिया गया है, तो समय आ गया है कि भारत और भारत के नागरिक सरकार का दृष्टिकोण सुनें। सरकार को उन कुछ जरूरी सवालों का जवाब देना चाहिए, जिन्हें हम राष्ट्रीय हित में उठाते रहे हैं।’’

संसद का मानसून सत्र आमतौर पर जुलाई के तीसरे सप्ताह में आयोजित किया जाता है।

टीएमसी नेताओं ने यह भी कहा कि विपक्षी दल संसद के विशेष सत्र की मांग को लेकर एकजुट होंगे।

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम, जो दल भाजपा से लड़ रहे हैं, संसद के विशेष सत्र की मांग पर एक साथ काम कर रहे हैं और एक साथ आगे बढ़ रहे हैं।’’

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उबाठा), राष्ट्रीय जनता दल, वाम दल, नेशनल कॉन्फ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और आम आदमी पार्टी उन दलों में शामिल हैं जिन्होंने संसद के विशेष सत्र की मांग उठाई है।

एक सूत्र ने बताया कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर संपर्क में हैं।

घोष ने ऑपरेशन सिंदूर के राजनीतिकरण की कोशिश करने के लिए भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण करने का भाजपा का प्रयास निंदनीय है। सच्चाई यह है कि हम अपने सशस्त्र बलों की बहादुरी को सलाम कर रहे हैं। इसने हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी, साहस और कौशल को दर्शाया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा द्वारा राजनीतिक रैलियों के माध्यम से ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण करने का प्रयास करना पूरी तरह अस्वीकार्य है। यह तमाशे की राजनीति है, यह नाटकीय राजनीति है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह नहीं मानते कि हमारे सशस्त्र बलों के बलिदान और वीरता का इस प्रकार राजनीतिकरण किया जाना चाहिए। यहां तक कि प्रधानमंत्री भी इस ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सबसे नाटकीय प्रकार की राजनीति कर रहे हैं।’’

भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत छह और सात मई की मध्य रात्रि को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे।

भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारत ने पाकिस्तानी प्रयासों का कड़ा जवाब दिया।

पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत की बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति का संदेश देने के लिए भारत ने अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों सहित प्रमुख साझेदार देशों में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं।

भाजपा के बैजयंत पांडा और रविशंकर प्रसाद, जनता दल यूनाइटेड के संजय कुमार झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, कांग्रेस के शशि थरूर, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम की कनिमोझी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सुप्रिया सुले के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल कुल 32 देशों और बेल्जियम के ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा करेंगे।

झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी शामिल हैं।

भाषा अमित नरेश

नरेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles