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Sunday, July 6, 2025

बंगाल : बर्खास्त शिक्षकों ने प्रधानमंत्री मोदी से अलीपुरद्वार दौरे के दौरान मुलाकात का समय मांगा

Newsबंगाल : बर्खास्त शिक्षकों ने प्रधानमंत्री मोदी से अलीपुरद्वार दौरे के दौरान मुलाकात का समय मांगा

कोलकाता, 28 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय के फैसले की वजह से बर्खास्त स्कूली शिक्षकों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बृहस्पतिवार को उनके अलीपुरद्वार दौरे के दौरान पांच मिनट की मुलाकात के लिए समय देने का अनुरोध किया।

शिक्षकों ने पूरे प्रकरण में हस्तक्षेप कर उनके संकट का समाधान निकालने में सहयोग करने का भी आग्रह किया।

पिछले महीने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद जिन शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द कर दी गई थीं, उनमें से कई शिक्षक उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार पहुंच चुके हैं। न्यायालय ने आदेश में कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गई थीं।

बर्खास्त शिक्षकों ने जिला प्रशासन, स्थानीय सांसद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिला अध्यक्ष को पत्र सौंपकर अपना मामला प्रस्तुत करने के लिए प्रधानमंत्री से संक्षिप्त मुलाकात का अनुरोध किया है।

मोदी बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे, जहां वह एक गैस वितरण परियोजना की आधारशिला रखेंगे और अलीपुरद्वार जिले में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे।

प्रभावित शिक्षकों में से एक चिन्मय मंडल ने कहा, ‘‘हम अलीपुरद्वार में प्रधानमंत्री से मिलना चाहते हैं। हमने स्थानीय सांसद, भाजपा के जिला अध्यक्ष और जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे हमसे बात करें और हमारे मुद्दे को सुलझाने में मदद करें।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई की ओर से अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि प्रधानमंत्री उनसे मिलेंगे या नहीं। प्रभावित शिक्षकों के बुधवार शाम को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार से मिलने की संभावना है, ताकि मोदी से मुलाकात के लिए दबाव बनाया जा सके।

उच्चतम न्यायालय ने तीन अप्रैल के अपने फैसले में भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का हवाला देते हुए 25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी थीं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार नए सिरे से शिक्षक भर्ती शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि साथ ही बर्खास्त किए गए उम्मीदवारों को बहाल करने के लिए पुनर्विचार याचिका भी दायर की। आंदोलनकारी शिक्षकों ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे हजारों उम्मीदवारों के लिए ‘मौत का वारंट’ बताया।

भाषा धीरज माधव

माधव

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