नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) दिल्ली सरकार मधुमेह के प्रबंधन में योग, जीवनशैली और आहार में बदलाव को बढ़ावा देने तथा इस बीमारी पर अनुसंधान करने के लिए मधुमेह और ‘एंडोक्राइनोलॉजी’ में एक विशेष उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रस्तावित केंद्र एक स्वायत्त संस्थान होगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष देखभाल सुविधा प्रदान करेगा और गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में मधुमेह, एंडोक्राइनोलॉजी और मेटाबॉलिज्म (डीईएम) के मौजूदा केंद्र का विस्तार करेगा।
सत्रह करोड़ रुपये की वित्तीय लागत वाली इस परियोजना की सिफारिश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा गठित समिति की तरफ से पहले ही की जा चुकी है और फिलहाल इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है।
एक अधिकारी ने बताया कि नया केंद्र मधुमेह और अंतःस्रावी विकारों से पीड़ित रोगियों को उन्नत देखभाल सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मधुमेह युवाओं को भी प्रभावित करता है। मोटापा, शारीरिक गतिविधि की कमी और अस्वास्थ्यकर खान-पान जैसी जीवनशैली से संबंधित कारक इस बीमारी में योगदान करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह केंद्र मधुमेह के उपचार की रणनीतियों के तहत योग, जीवनशैली में बदलाव और स्वस्थ आहार संबंधी आदतों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा कि एक बार मंजूरी मिलने के बाद, यह केंद्र देश भर में सरकारी क्षेत्र में अपनी तरह का पहला केंद्र होगा, जो वंचित रोगियों को अत्याधुनिक उपचार और रेफरल सेवाएं प्रदान करेगा।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव को मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘इस क्षेत्र में उत्कृष्टता संस्थान की स्थापना से दिल्ली सरकार द्वारा अपने अस्पतालों के माध्यम से प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण मूल्यवर्धन होगा, क्योंकि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र में विश्व स्तरीय रेफरल सेवाएं प्रदान करेगा।’’
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत एक परियोजना के रूप में 2013 में स्थापित डीईएम सेंटर, जीटीबी अस्पताल परिसर में एक इमारत से संचालित होता है। इसकी परिकल्पना रेफरल सुपरस्पेशलिटी सेंटर के रूप में की गई थी जो एंडोक्राइनोलॉजी में उन्नत देखभाल, नैदानिक सेवाएं, अनुसंधान और प्रशिक्षण प्रदान करता है। सुपर-स्पेशलिटी कार्यक्रम शुरू करने की भी योजना थी।
भाषा आशीष नरेश
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