मुंबई, 28 मई (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री और मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार ने बुधवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर आरोप लगाया कि वह दो दशकों से अधिक समय से बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) पर नियंत्रण रखने और इस उद्देश्य के लिए एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद मुंबई में वर्षा जल निकासी प्रणाली में सुधार करने में विफल रही है।
उन्होंने इसे शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके विधायक पुत्र आदित्य ठाकरे द्वारा ‘मुंबई के लोगों के साथ विश्वासघात’ बताया तथा धन के उपयोग पर श्वेत पत्र की मांग की।
अविभाजित शिवसेना ने देश के सबसे अमीर नगर निगम बीएमसी पर दो दशक से अधिक समय तक शासन किया।
उनकी यह टिप्पणी भारी बारिश के बाद मुंबई में हुए जलभराव को लेकर राजनीतिक घमासान के मद्देनजर आई है, जिसमें विपक्ष ने सरकार पर भारी खर्च के बावजूद शहर के लिए तैयारी करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
सोमवार को अचानक हुई बारिश से महानगर में सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित हुआ।
मुंबई उपनगरीय जिले के संरक्षक मंत्री शेलार के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आयुक्त और राज्य द्वारा नियुक्त इसके प्रशासक भूषण गगरानी से मुलाकात की और पिछले दो दशकों में वर्षा जल निकासी परियोजनाओं पर हुए खर्च पर एक श्वेत पत्र की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने जानना चाहा कि भारी खर्च के बावजूद शहर मानसून के दौरान बाढ़ से क्यों त्रस्त रहता है।
बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि बीएमसी ने पिछले 20 वर्षों में बाढ़ प्रबंधन परियोजनाओं पर लगभग एक लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन शहर की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।
शेलार ने कहा, ‘ये एक लाख करोड़ रुपये कहां गए? उद्धव और आदित्य ठाकरे को मुंबईवासियों को यह बताना चाहिए। तभी उन्हें हमसे पिछले तीन वर्षों के बारे में सवाल पूछना चाहिए।’
प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए बीएमसी आयुक्त गगरानी ने कहा कि मानसून के समय से पहले आने से बीएमसी की योजना बाधित हुई है।
उन्होंने माना कि मीठी नदी से गाद निकालने का काम केवल 55 प्रतिशत ही पूरा हुआ है। उन्होंने शेष कार्य आठ दिनों के भीतर पूरा करने का वादा किया।
उन्होंने कहा कि जलभराव वाले स्थानों पर 24 घंटे के भीतर पंप लगा दिए जाएंगे तथा आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त पंप भी लगाए जाएंगे।
शेलार ने कहा कि भाजपा पदाधिकारी और पूर्व पार्षद इन कार्यों की प्रगति की निगरानी करेंगे।
भाषा
शुभम वैभव
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