नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) रेल मंत्रालय ने सिग्नलिंग और दूरसंचार कर्मचारियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में चार रेलवे जोन के 10 से 15 प्रमुख स्टेशनों पर अनुबंध के आधार पर तैनाती के लिए कर्मचारियों को नियुक्त करने का निर्णय लिया है।
चार रेलवे जोन – पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे, पूर्वी तट रेलवे, दक्षिण पश्चिमी रेलवे और पश्चिमी रेलवे के महाप्रबंधकों को लिखे पत्र में मंत्रालय ने कहा कि हाल के वर्षों में रेलवे नेटवर्क का व्यापक विस्तार हुआ है।
मंत्रालय ने कहा कि ‘कवच’ प्रणाली, स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग (एबीएस), ‘इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग’ (आईबीएस) और लेवल क्रॉसिंग गेट की इंटरलॉकिंग जैसी आधुनिक सिग्नल प्रणालियों के कार्यान्वयन के बाद एसएंडटी (सिग्नलिंग और दूरसंचार) कर्मचारियों की आवश्यकता बढ़ गई है।
हाल में जारी पत्र में कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, पटरियों का रखरखाव भी मैनुअल से मशीनीकृत हो गया है, जिसके लिए सिग्नलिंग उपकरणों को फिर से जोड़ने के लिए एसएंडटी कर्मचारियों की आवश्यकता भी काफी बढ़ गई है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘उपर्युक्त बुनियादी ढांचे, सुरक्षा एवं आधुनिकीकरण कार्यों के सुचारू निष्पादन और मशीनों को निष्क्रिय रहने से बचाने के लिए, यह आवश्यक है कि एसएंडटी रखरखाव प्रणाली को भी मजबूत किया जाए।’’
इनसे निपटने के लिए मंत्रालय ने चारों जोन को संबंधित डिवीजनों का चयन करने को कहा, जिसमें प्रायोगिक परियोजना के रूप में वे सिग्नलिंग और दूरसंचार कर्मचारियों की सहायता के मद्देनजर स्टेशनों पर तैनाती के लिए अनुबंध के आधार पर तकनीकी टीमों को नियुक्त कर सकें।
इसमें कहा गया है कि प्रत्येक तकनीकी टीम में एक या दो पर्यवेक्षक या फील्ड इंजीनियर तथा चिह्नित स्टेशनों पर चार से पांच तकनीशियन शामिल होंगे।
भाषा देवेंद्र शफीक
शफीक