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Thursday, July 24, 2025

आरबीआई का बही-खाता वित्त वर्ष 2024-25 में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 76.25 लाख करोड़ रुपये

Newsआरबीआई का बही-खाता वित्त वर्ष 2024-25 में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 76.25 लाख करोड़ रुपये

(फाइल फोटो के साथ)

मुंबई, 29 मई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का 31 मार्च 2025 तक बही-खाते का आकार सालाना आधार पर 8.20 प्रतिशत बढ़कर 76.25 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसके दम पर ही केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का भारी लाभांश दिया गया।

आरबीआई की बृहस्पतिवार को जारी वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि संपत्ति के मामले में वृद्धि सोने, घरेलू निवेश एवं विदेशी निवेश में क्रमशः 52.09 प्रतिशत, 14.32 प्रतिशत और 1.70 प्रतिशत की वृद्धि के कारण हुई।

इस दौरान आय में 22.77 प्रतिशत और व्यय में 7.76 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ वर्ष का अंत 2,68,590.07 करोड़ रुपये के समग्र अधिशेष के साथ हुआ जबकि पिछले वर्ष यह 2,10,873.99 करोड़ रुपये था, जिसके परिणामस्वरूप 27.37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। ’’

भारतीय रिजर्व बैंक का बही-खाता, मुद्रा जारी करने के साथ-साथ मौद्रिक नीति और ‘रिजर्व’ प्रबंधन उद्देश्यों सहित इसके विभिन्न कार्यों के अनुसरण में की गई गतिविधियों को दर्शाता है।

रिपोर्ट के अनुसार, बही-खाते का आकार 5,77,718.72 करोड़ रुपये या 8.20 प्रतिशत बढ़कर 31 मार्च 2025 तक 76,25,421.93 करोड़ रुपये हो गया। यह 31 मार्च 2024 तक 70,47,703.21 करोड़ रुपये था।

देनदारियों के संबंध में आरबीआई ने कहा कि यह वृद्धि जारी नोट, पुनर्मूल्यांकन खातों एवं अन्य देनदारियों में क्रमशः 6.03 प्रतिशत, 17.32 प्रतिशत और 23.31 प्रतिशत की वृद्धि के कारण हुई।

रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2025 तक घरेलू परिसंपत्तियों का हिस्सा 25.73 प्रतिशत था। वहीं विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, सोना (स्वर्ण जमा और भारत में रखे गए सोने सहित) तथा भारत के बाहर वित्तीय संस्थानों को दिए गए ऋण एवं अग्रिम राशि कुल परिसंपत्तियों का 74.27 प्रतिशत थीं। वहीं 31 मार्च 2024 तक यह क्रमशः 23.31 प्रतिशत और 76.69 प्रतिशत थी।

इसमें कहा गया है कि 44,861.70 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया और उसे आकस्मिकता निधि (सीएफ) में स्थानांतरित कर दिया गया।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

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