लखनऊ, 29 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक उत्कृष्टता से जोड़ते हुए बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में राज्य सरकार और ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित मोनाश विश्वविद्यालय के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।
बयान के मुताबिक, यह एमओयू प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों एवं शिक्षकों के लिए शोध-अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहयोग के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता को एक नई ऊँचाई देगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा को केवल डिग्री अर्जन का माध्यम नहीं, बल्कि राज्य के समग्र विकास की धुरी मानती है।
उन्होंने कहा कि यह साझेदारी राज्य के शिक्षा तंत्र में गुणवत्ता, नवाचार और वैश्विक दृष्टिकोण का समावेश करेगी और युवाओं को विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में सहायक होगी।
उन्होंने इस एमओयू को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की भावना के अनुरूप बताते हुए कहा कि यह बहुआयामी अधिगम, कौशल विकास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को गति देगा। उन्होंने वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के साथ प्रदेश की पूर्व सहभागिता का उल्लेख करते हुए कहा कि अब मोनाश यूनिवर्सिटी के साथ यह गठबंधन शिक्षा के वैश्विक मानकों की ओर एक और बड़ा कदम है।
उन्होंने कहा कि इस सहयोग का केंद्र गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय होगा, जो इस साझेदारी को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के कुलपति को इस उत्तरदायित्व का सफल निर्वहन सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एमओयू के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराते हुए बताया कि यह सहयोग उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक मंचों से जुड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
बयान के मुताबिक, 1958 में स्थापित मोनाश यूनिवर्सिटी में वर्तमान में 84,000 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। यह विश्व की अग्रणी अनुसंधान आधारित संस्थाओं में से एक है।
इस समझौते को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर और वर्तमान में मोनाश यूनिवर्सिटी से संबद्ध प्रो. मनीषा ने बताया कि मोनाश में प्रतिवर्ष लगभग 30,000 शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिनमें अफगानिस्तान और म्यांमा जैसे युद्धग्रस्त देशों के शिक्षक भी शामिल हैं। अब उत्तर प्रदेश के शिक्षकों को भी इसी स्तर का प्रशिक्षण सुलभ हो सकेगा।
भाषा आनन्द नरेश मनीषा
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