नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं के अनुभव को बेहतर और चुनाव प्रबंधन को कारगर बनाने के लिए पिछले 100 दिनों में 21 नयी पहल की हैं।
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इन पहल में प्रक्रियात्मक सुधारों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और हितधारक जुड़ाव तक के कदम शामिल हैं।
उनका कहना है कि ये पहल 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के पहले 100 दिनों के प्रयास का परिणाम हैं।
मदताताओं के अनुभव को सुलभ बनाने के लिए चुनाव निकाय ने प्रति मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या को 1,500 से संशोधित कर 1,200 कर दिया है। अतिरिक्त मतदान केंद्र घनी आबादी वाले क्षेत्रों और ऊंची इमारतों में स्थापित किए जाएंगे।
अधिकारियों ने कहा कि आयोग का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी मतदाता को वोट डालने के लिए 2 किमी से अधिक की यात्रा करने की आवश्यकता न पड़े।
मतदान केंद्र संख्या पर स्पष्टता के लिए मतदाता सूचना पर्चियों को फिर से डिज़ाइन किया गया है। मतदाताओं की सुविधा को बढ़ाने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर मोबाइल फोन जमा करने की व्यवस्था की जाएगी।
उम्मीदवारों द्वारा स्थापित बूथों को अब मतदान केंद्र परिसर से 200 मीटर के बजाय मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार से 100 मीटर से अधिक दूरी पर अनुमति दी जाएगी।
आयोग ने मृत लोगों के नाम नामावली से समय पर और सत्यापित रूप से हटाने के लिए भारत के रजिस्ट्रार जनरल से मृत्यु पंजीकरण डेटा का प्रत्यक्ष एकीकरण भी शुरू किया है।
राजनीतिक हितधारकों के साथ नियमित बातचीत को संस्थागत बनाने के कदम में चुनाव आयोग ने 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ देश भर में 4,719 बैठकें आयोजित कीं।
आयोग ने यहां आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और नेशनल पीपुल्स पार्टी सहित मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी परामर्श किया है। साथ ही आगामी उपचुनावों के बाद राष्ट्रीय राजनीतिक दलों और राज्य के राजनीतिक दलों के साथ और बैठकें करने की योजना बनाई है।
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