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Sunday, July 13, 2025

उप्र: दो से सात जून तक ‘बोधि यात्रा’ का आयोजन, पांच देशों के 50 प्रतिनिधि होंगे शामिल

Newsउप्र: दो से सात जून तक ‘बोधि यात्रा’ का आयोजन, पांच देशों के 50 प्रतिनिधि होंगे शामिल

लखनऊ, 29 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार का पर्यटन विभाग दो से सात जून तक छह दिवसीय ‘बोधि यात्रा’ का आयोजन करेगा, जिसमें पांच देशों के 50 प्रतिनिधि शामिल होंगे। एक बयान में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गयी।

बयान के मुताबिक, ‘मेकांग-गंगा’ सहयोग कार्य योजना (2019-2024) के तहत दो से सात जून तक ‘बोधि यात्रा’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कम्बोडिया, लाओ पीडीआर, म्यांमा, थाईलैंड और वियतनाम जैसे पांच आसियान देशों के 50 प्रतिनिधि भाग लेंगे।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने ‘बोधि यात्रा’ में शामिल देशों के प्रतिनिधियों को उत्तर प्रदेश पधारने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश वह भूमि है, जहां भगवान बुद्ध ने मानव कल्याण के उपदेश दिए और उनका उपदेश सर्वकालिक है तथा आज की परिस्थितियों में अत्यधिक प्रासंगिक है।

सिंह ने कहा कि संसार में युद्ध के बादल मंड़रा रहे हैं और ऐसी स्थिति में विश्वशांति का मार्ग भगवान बुद्ध दर्शन से ही प्राप्त होता है।

उन्होंने कहा कि यह बोधि यात्रा विभिन्न देशों के मध्य सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ करेगी और उत्तर प्रदेश के भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र स्थलों को वैश्विक मंच प्रदान करेगी।

बयान में बताया गया कि ‘बोधि यात्रा’ में प्रत्येक देश से 10 प्रतिभागियों का चयन उनके संबंधित सरकार द्वारा किया गया है।

बयान के मुताबिक, यात्रा का समापन सात जून को सारनाथ में होगा, जहां बिहार पर्यटन विभाग इन प्रतिनिधियों का स्वागत करेगा, जिसके बाद बिहार के प्रमुख बौद्ध स्थलों की यात्रा की शुरुआत होगी।

उत्तर प्रदेश सरकार के सांस्कृतिक और पर्यटन संवर्धन प्रयासों के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल छह दिवसीय यात्रा के दौरान प्रदेश के प्रमुख बौद्ध स्थलों की यात्रा करेगा।

इस यात्रा में प्रतिनिधि विश्व प्रसिद्ध छह बौद्ध स्थलों श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कुशीनगर, सारनाथ, वाराणसी और लखनऊ सहित आगरा का भ्रमण करेंगे।

यह यात्रा बौद्ध धर्म से जुड़े उन स्थलों को प्रदर्शित करती है, जो भगवान बुद्ध के जीवन, शिक्षाओं और आध्यात्मिक यात्रा से सीधे तौर पर जुड़े हैं।

पर्यटन विभाग का मानना है कि इस पहल से उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन सर्किट में प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।

भाषा आनन्द जितेंद्र

जितेंद्र

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