हांगकांग, 29 मई (एपी) अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने बुधवार को घोषणा की कि चीन के कुछ छात्रों के वीजा रद्द कर दिए जाएंगे, जिसके बाद अमेरिका में अध्ययन कर रहे चीनी छात्र अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं।
दरअसल रूबियो ने बुधवार को घोषणा की है कि अमेरिका चीन के उन छात्रों के वीजा रद्द करना शुरू करेगा जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े हैं या संवेदनशील क्षेत्रों में पढ़ रहे हैं।
अमेरिका में आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों में चीन के छात्र दूसरे नंबर पर आते हैं वहीं सर्वाधिक विदेशी छात्र भारत से होते हैं। शैक्षणिक वर्ष 2023-2024 में यहां चीन के छात्रों की संख्या 270,000 से अधिक थी, जो अमेरिका में सभी विदेशी छात्रों का लगभग एक चौथाई हिस्सा है।
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे चीन के छात्र लिनकिन ने कहा कि यह ‘चीनी बहिष्कार अधिनियम का नया संस्करण’ है। छात्र ने प्रतिशोध के डर से केवल अपने पहले नाम से पहचाने जाने का अनुरोध किया था।
लिनकिन का आशय 19वीं सदी के उस कानून से था जो चीनी नागरिकों को अमेरिका में प्रवास करने से रोकता था और अमेरिका में पहले से रह रहे चीनी लोगों को नागरिकता मिलने पर प्रतिबंध लगाता था।
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के छात्र ने कहा कि अपनी जिंदगी का एक तिहाई हिस्सा यहीं बिताने के बाद बुधवार को पहली बार उनके मन में अमेरिका छोड़ने का विचार आया।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने अमेरिका के फैसले को अनुचित बताया।
उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘ इस तरह की राजनीतिक और भेदभावपूर्ण कार्रवाई अमेरिका के इस झूठ को उजागर करती है कि वह तथाकथित स्वतंत्रता और खुलेपन को कायम रखता है।’
उन्होंने कहा कि चीन ने अमेरिका के समक्ष विरोध दर्ज कराया है।
विदेश में पढ़ने वाले चीनी छात्रों का मुद्दा लंबे समय से द्विपक्षीय संबंधों में तनाव का विषय रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान 2019 में चीन के शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों को अमेरिका में वीजा मुद्दों के बारे में आगाह किया था।
शिकागो विश्वविद्यालय में सार्वजनिक नीति में स्नातकोत्तर की 27 वर्षीय छात्रा ज़ू रेंगे ने कहा कि इस वर्ष के अंत में स्नातक होने के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए छुट्टी लेकर विदेश में मानवीय सहायता कार्यक्रमों में काम करने की योजना बनाई थी।
रेंगे ने कहा कि लेकिन अब वह अमेरिका छोड़ने से परहेज करेंगी और इस बीच नौकरी की तलाश करेंगी। उन्होंने कहा, ‘अनिश्चितता के माहौल में, मैं अपने लिए कोई समाधान खोजने की पूरी कोशिश करूंगी।’
अनिश्चितता के बीच हांगकांग प्रतिभाओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है
हांगकांग के नेता जॉन ली ने बृहस्पतिवार को सांसदों से कहा कि शहर उन सभी छात्रों का स्वागत करेगा, जिनके साथ अमेरिकी नीतियों के कारण भेदभाव किया गया है।
हाल में ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन रोकने की कोशिश की थी, जिसे फिलहाल अदालत ने रोका है।
ट्रंप ने कहा कि हार्वर्ड में विदेशी छात्रों की संख्या 15 प्रतिशत तक सीमित होनी चाहिए जहां वर्तमान में विदेशी छात्रों की संख्या एक चौथाई से ज्यादा है।
एपी शोभना माधव
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