(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, 29 मई (भाषा) नेपाल में बृहस्पतिवार को 18वें गणतंत्र दिवस के दौरान दो प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों ने 28 मई, 2008 को स्थापित संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन आयोजित किए।
सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के नेतृत्व वाले राजशाही समर्थक समूहों के बीच संभावित झड़पों को रोकने के लिए सरकार ने शहर के मध्य स्थित रत्नापार्क और भृकुटी मंडप क्षेत्रों में सैकड़ों पुलिसकर्मियों सहित लगभग 6,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है।
इस अवसर पर सीपीएन-यूएमएल द्वारा आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के लिए सांस्कृतिक झांकी के साथ पारंपरिक परिधान पहने लोग भृकुटी मंडप में एकत्र हुए।
दूसरी ओर, आरपीपी के नेतृत्व में राजशाही समर्थकों ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की तस्वीरों के बैनर लेकर एक रैली आयोजित की, जिसमें राजशाही बहाल करने, नेपाल को हिंदू राष्ट्र के रूप में स्थापित करने और गणतंत्र व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की गई।
आरपीपी अध्यक्ष राजेंद्र लिंगडेन और पशुपति शमशेर राणा, कमल थापा और प्रकाश चंद्र लोहानी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदर्शन में भाग लिया।
यूएमएल द्वारा आयोजित सांस्कृतिक और जातीय रैली हजारों लोगों की भागीदारी के साथ दिन में करीब 11 बजे भृकुटी मंडप क्षेत्र से शुरू हुई, जो रत्नापार्क क्षेत्र में एक शांतिपूर्ण सार्वजनिक सभा के साथ समाप्त हुई।
हालांकि, आरपीपी और अन्य राजशाही समर्थकों द्वारा आयोजित गणतंत्र व्यवस्था विरोधी प्रदर्शन दोपहर करीब दो बजे शुरू हुए और इसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। वे राजधानी के विभिन्न हिस्सों में घूमे और सरकार विरोधी नारे लगाए, हालांकि रैली शांतिपूर्ण रही।
इस बीच, देश भर में विभिन्न औपचारिक कार्यक्रमों का आयोजन कर 18वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ टुंडीखेल ओपन ग्राउंड स्थित आर्मी पैवेलियन में आयोजित एक विशेष समारोह में शामिल हुए।
समारोह में काठमांडू घाटी के विभिन्न स्थानीय संस्थाओं द्वारा सांस्कृतिक नृत्य और संगीत प्रदर्शन प्रस्तुत किये गये।
नेपाल में 29 मई को संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य की ऐतिहासिक घोषणा हुई। विक्रम संवत 2065 के ज्येष्ठ मास की 15वीं तिथि (28 मई, 2008) को संसद की पहली बैठक में इसकी घोषणा की गई, जिसके साथ 240 साल पुरानी राजशाही समाप्त हो गई। तब से, ज्येष्ठ मास की 15वीं तिथि को पूरे देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
भाषा आशीष अविनाश
अविनाश