नयी दिल्ली/पनामा सिटी, 29 मई (भाषा) कांग्रेस और शशि थरूर के बीच मतभेद बढ़ने के बीच बृहस्पतिवार को मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि थरूर उसके परिवार हिस्सा हैं, लेकिन उन्होंने यह बयान देकर गलती की है कि पहली बार 2016 में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की गई थी।
दूसरी तरफ, कांग्रेस नेताओं की आलोचना का सामना कर रहे थरूर ने कहा कि जो ‘अति-उत्साही लोग’ नियंत्रण रेखा के पार भारतीय वीरता की उनकी समझ पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि वह “स्पष्ट रूप से” केवल आतंकी हमलों के जवाब में की गई कार्रवाइयों की बात कर रहे थे, न कि पहले हुए युद्धों की।
मामले को संभालने की कोशिश करते हुए कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी के नेताओं के बीच कोई मनमुटाव नहीं है।
सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शशि थरूर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं और कांग्रेस परिवार का हिस्सा हैं। हालांकि, उन्होंने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के बारे में जो कहा, वह तथ्यात्मक रूप से गलत था।’’
कुछ कांग्रेसी नेताओं और थरूर के बीच वाकयुद्ध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने केवल यह बताकर रिकॉर्ड को सही किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के दौरान हमारे सशस्त्र बलों और तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पाकिस्तान पर और आतंकवादियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक को नियमित रूप से अंजाम दिया गया था।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि संप्रग सरकार के दौरान सर्जिकल स्ट्राइक की घटनाओं का अतीत में पार्टी के संचार विभाग और खुद थरूर ने अपनी 2018 की पुस्तक ‘द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर’ में विस्तार से वर्णन किया है।
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी अतीत में इन सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बात की थी। जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने मामले को स्पष्ट कर दिया है। इसमें कोई कटुता या संदेह नहीं होना चाहिए।’’
उधर, थरूर ने कहा कि उनकी टिप्पणी से पहले हाल के वर्षों में हुए कई हमलों का जिक्र किया गया था, जिनके दौरान भारत की पिछली प्रतिक्रियाएं नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के प्रति सम्मान के कारण संयमित और सीमित थीं।
पांच देशों में भारत का रुख स्पष्ट करने के लिये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता ने कथित तौर पर कहा कि भारत ने पहली बार आतंकवादी ठिकानों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया था। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।
कांग्रेस ने इस टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा और पार्टी सहयोगी उदित राज ने कहा कि उन्हें ‘‘भाजपा का सुपर प्रवक्ता’’ बना दिया जाना चाहिए।
आलोचना का जवाब देते हुए थरूर ने कहा, “पनामा में एक लंबे और सफल दिन के बाद, मुझे आधी रात को यहां का दौरा संपन्न कर छह घंटे बाद बोगोटा, कोलंबिया के लिए रवाना होना है, इसलिए मेरे पास वास्तव में इसके लिए समय नहीं है। लेकिन फिर भी: ‘‘उन अति-उत्साही लोगों के लिए जो अतीत में नियंत्रण रेखा के पार भारतीय वीरता के बारे में मेरी कथित अज्ञानता पर चिल्ला रहे हैं- 1. मैं स्पष्ट रूप से केवल आतंकवादी हमलों के प्रतिशोध के बारे में बोल रहा था, न कि पिछले युद्धों के बारे में।”
थरूर ने कहा, “मेरी टिप्पणियों में पहले हाल के वर्षों में हुए कई हमलों का उल्लेख किया गया था, जिसके दौरान पिछली भारतीय प्रतिक्रियाएं नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के प्रति हमारे जिम्मेदारीपूर्ण सम्मान के कारण संयमित और सीमित थीं।”
उन्होंने कहा, “लेकिन हमेशा की तरह, आलोचकों और ट्रोल का मेरे विचारों और शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का स्वागत है। मेरे पास करने के लिए वास्तव में बेहतर काम हैं। शुभ रात्रि।”
उदित राज ने थरूर पर बृहस्पतिवार को भी हमला जारी रखा।
उदित राज ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, “जो प्रतिनिधिमंडल भेजे गए हैं, वे कांग्रेस का नाम खराब करने की कोशिश कर रहे हैं… शशि थरूर का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व से पहले, हमने कभी पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा या किसी भी अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार नहीं किया। यह एक बहुत बड़ा झूठ है और कांग्रेस के इतिहास को नष्ट करने की एक बड़ी साजिश है, जिसका जवाब दिया जाना जरूरी है।”
उन्होंने कहा, “उन्हें कांग्रेस पार्टी की आलोचना करने के बजाय अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए…कांग्रेस ने अतीत में आवश्यक कदम उठाए, लेकिन कभी इसका प्रचार नहीं किया और न ही इसे अपने पक्ष में वोट जुटाने के माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया।”
राज की टिप्पणी वाली पोस्ट को कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर रीपोस्ट किया।
थरूर पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने थरूर की पुस्तक ‘द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर’ का एक स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें उन्होंने 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक का कथित रूप से राजनीतिक फायदा उठाने के वास्ते मोदी सरकार की आलोचना की थी। खेड़ा ने कहा, “मैं डॉ. शशि थरूर से सहमत हूं, जिन्होंने 2018 में अपनी पुस्तक – ‘द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर’ में सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में लिखा था।”
थरूर ने अपनी किताब में लिखा था, “पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक और म्यांमा में विद्रोहियों की तलाश में की गई सैन्य छापेमारी का पार्टी चुनाव के हथियार के रूप में बेशर्मी से दोहन – ऐसा कुछ जो कांग्रेस ने पहले भी कई ऐसे हमलों को अधिकृत करने के बावजूद कभी नहीं किया था – इस सिद्धांत को विशेष रूप से शर्मनाक तरीके से कमजोर करने का संकेत है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों में विवेक और दलगत भावना से ऊपर उठने, दोनों की आवश्यकता होती है।”
भाषा हक हक दिलीप
दिलीप