नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा शुरू किया गया सीमा शुल्क युद्ध भारत के लिए कुछ क्षेत्रों में अवसर पैदा कर सकता है।
नागेश्वरन ने यहां उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के ‘वार्षिक व्यवसाय सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के पास इस समय कम ऊर्जा कीमतों सहित कई फायदे हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च सीमा शुल्क के बावजूद कुछ क्षेत्र ऐसे हो सकते हैं जहां भारत को पहले लाभ नहीं मिलता था, लेकिन अब मिल सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह शुल्क के नजरिये से एक अवसर भी लेकर आता है।’’
अमेरिकी प्रशासन ने दो अप्रैल को भारतीय वस्तुओं पर 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया था लेकिन कुछ दिनों बाद ही उस फैसले को नौ जुलाई तक के लिए निलंबित कर दिया गया। इस समय दोनों देश एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा कर रहे हैं।
नागेश्वरन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का हवाला देते हुए कहा कि भारत वित्त वर्ष 2027-28 तक पांच लाख करोड़ डॉलर और 2030-31 तक 6.8 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
हालांकि, उन्होंने अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और मोबाइल एवं टीवी पर अत्यधिक समय व्यतीत करने को भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश के लिए सबसे बड़ा जोखिम बताया।
उन्होंने उद्योग जगत को अपने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) को मुनाफे के दो प्रतिशत हिस्से से अधिक करने की सलाह भी दी ताकि युवाओं के स्वास्थ्य और उत्पादकता को सुनिश्चित किया जा सके।
नागेश्वरन ने भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए श्रम-समृद्ध अर्थव्यवस्था और पूंजी-बहुल वृद्धि मॉडल के बीच अंतर जैसी चुनौतियों का भी उल्लेख किया।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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