नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने बृहस्पतिवार को नवाचार-आधारित जलवायु-अनुकूल वृद्धि को सक्षम बनाने में नीति की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
चंद ने उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतिगत कार्रवाई के लिए पांच प्राथमिकता क्षेत्रों को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि नीतिगत कार्रवाई के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में इनपुट और आउटपुट मूल्य निर्धारण में विसंगतियों को ठीक करना, कृषि-जलवायु के अनुकूल क्षेत्रों में फसल को बढ़ावा देना, इनपुट-उपयोग दक्षता को बढ़ाना, फसल की पैदावार बढ़ाना और कार्बन कटौती के लिए स्थायी कृषि व्यवहार को मुख्यधारा में लाना शामिल है।
इस अवसर पर जी-20 समूह के लिए भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि भारत का कायाकल्प केवल सरकारी नीति के ही दम पर नहीं हो पाएगा।
कांत ने कहा, ‘‘निजी उद्यम को यह काम अपने हाथ में लेना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने पीएलआई, डीपीआई, स्टार्टअप इंडिया, बुनियादी ढांचे पर ध्यान, डिजिटल बुनियादी ढांचा और कॉरपोरेट कर में कटौती जैसे कई कदम उठाए हैं।
कांत ने कहा कि उद्योग जगत को अब अत्याधुनिक नवाचार, शोध एवं विकास और साहसिक निवेश, वैश्विक महत्वाकांक्षा और भारत को 30,000 अरब डॉलर से अधिक की अर्थव्यवस्था में बदलने की प्रतिबद्धता के साथ चलना चाहिए।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय