बेंगलुरु, 29 मई (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भाजपा के विधानपरिषद सदस्य एन रवि कुमार से मौखिक रूप से कहा कि वह अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए कलबुर्गी की उपायुक्त फौजिया तरन्नुम से सीधे माफी मांगें।
इस टिप्पणी के चलते कुमार के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी।
न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की अवकाशकालीन पीठ कलबुर्गी में स्टेशन बाजार पुलिस द्वारा दर्ज की गयी इस प्राथमिकी को रद्द करने की अनुरोध वाली कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
यह प्राथमिकी में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धाराओं– 197, 224, 299, 302, 351 और 353 तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम की धारा 3(1)(आर) के तहत दर्ज की गयी है।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति गोविंदराज ने कहा, ‘‘ ऐसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए।’’
उच्च न्यायालय ने हाल में मध्यप्रदेश के एक मौजूदा मंत्री से जुड़े शीर्ष अदालत के एक मामले से तुलना करते हुए कहा, ‘‘आप अलग नहीं हैं। आप ऐसे बयान नहीं दे सकते।’’
चौबीस मई को भाजपा नेताओं द्वारा आयोजित ‘कलबुर्गी चलो’ रैली को संबोधित करते हुए रविकुमार ने कहा था, ‘‘यह डीसी कार्यालय स्वतंत्रता खो चुका है, डीसी होने के बावजूद मैडम वही कर रही हैं जो वे (कांग्रेस सरकार/मंत्री) कहते हैं। क्या वह पाकिस्तान से आई हैं या आईएएस कैसे अधिकारी बन गईं, मुझे नहीं पता। आप (भीड़) को तालियां बजाते देख ऐसा लगता है कि वह पाकिस्तान से आई हैं।’’
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील विनोद कुमार एम ने अदालत को बताया कि माफी पहले ही मांगी जा चुकी है। हालांकि, न्यायमूर्ति गोविंदराज ने इस बात पर जोर दिया कि संबंधित व्यक्ति द्वारा यह माफी स्वीकार भी तो की जानी चाहिए।
अदालत ने कहा, ‘आप संबंधित महिला से माफी मांगें और उन्हें इसे स्वीकार करने दें। इसे रिकॉर्ड में दर्ज करें, और उसके बाद हम मामले पर विचार करेंगे, तब तक नहीं।’
भाषा राजकुमार वैभव
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