नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष समीर वी कामत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद रक्षा निर्यात में वृद्धि होगी, क्योंकि स्वदेशी सैन्य उपकरणों का ‘‘युद्ध परीक्षण’’ हो चुका है।
यहां सीआईआई शिखर सम्मेलन के मौके पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने भारत के महत्वाकांक्षी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान (उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान यानी एएमसीए) के डिजाइन और उत्पादन के लिए ‘‘निष्पादन मॉडल’’ को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा हाल में दी गई मंजूरी के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2034 तक विकास कार्य पूरा हो जाना चाहिए और उसके बाद वर्ष 2035 से उत्पादन शुरू हो जाना चाहिए। पहली प्रोटोटाइप उड़ान वर्ष 2029 के अंत तक तैयार हो जाएगी।’’
डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि एएमसीए के जिस मॉडल को मंजूरी दी गई है, उसमें ‘‘एचएएल बोली लगा सकता है, निजी क्षेत्र बोली लगा सकता है, वे संयुक्त उद्यम के रूप में भी बोली लगा सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे लड़ाकू विमान विकास के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी का रास्ता खुलेगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारतीय रक्षा निर्यात पर कोई प्रभाव पड़ेगा, डीआरडीओ अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद, मुझे पूरी उम्मीद है कि रक्षा निर्यात बढ़ेगा, क्योंकि इन उपकरणों का युद्ध में परीक्षण हो चुका है। इसलिए, देश इन्हें खरीदने में रुचि दिखाएंगे।’’
कामत ने भारतीय उद्योग और शिक्षा जगत की भूमिका को भी स्वीकार किया और कहा, ‘‘हमें भविष्य में पूर्ण ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करनी होगी।’’
भाषा
देवेंद्र माधव
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