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नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने बृहस्पतिवार को कहा कि युद्ध की प्रकृति सदियों से एक जैसी रही है, लेकिन इसका चरित्र ‘तेजी से बदला है’ और युद्ध तथा शांति के बीच की रेखाएं ‘तेजी से धुंधली होती जा रही हैं’।
उन्होंने यहां सीआईआई शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा, ‘‘हम यह भी जानते हैं कि आतंकवादी कृत्यों जैसे गैर-पारंपरिक खतरे जल्दी ही व्यापक संघर्ष में बदल सकते हैं।’’
उनकी टिप्पणी हाल में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक बनी रही सैन्य संघर्ष की स्थिति की पृष्ठभूमि में आई है।
एडमिरल त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘युद्ध की प्रकृति सदियों से एक जैसी रही है, लेकिन युद्ध का चरित्र तेजी से बदला है और ऐसा होता रहा है। युद्ध और शांति के बीच की रेखाएं तेजी से धुंधली होती जा रही हैं।’’
नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘तेजी से प्रौद्योगिकियों को अपनाने, उन्हें युद्ध क्षमताओं में बदलने, जब जरूरत हो तो बड़े पैमाने पर निर्माण करने… और लगातार नवाचार करने तथा अनुकूलन करने की हमारी क्षमता हमारी सामूहिक सुरक्षा को परिभाषित करेगी।’’ भाषा वैभव शोभना
शोभना