नुसेरात (गाजा पट्टी), 30 मई (एपी) गाजा पट्टी में फलस्तीनियों के लिए अमेरिका और इजरायल समर्थित एक नए फाउंडेशन द्वारा संचालित खाद्य वितरण केंद्रों पर लोगों के भोजन प्राप्त करने के दौरान बृहस्पतिवार को फिर अराजकता फैल गई।
कई प्रत्यक्षदशियों ने बताया कि राहत सामग्री छीनने के लिए लोगों के बीच धक्का-मुक्की हो गई और इजराइली सैनिकों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गोलियां चलाईं।
मध्य गाजा में, एसोसिएटेड प्रेस वीडियो में बम से एक वितरण केंद्र के चारों ओर हवा में धुआं फैलता दिखा, और एक इजराइली टैंक के पास से गुजरने पर गोलियों की आवाज सुनाई दी। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि यह इजराइली सैनिक थे जिन्होंने बृहस्पतिवार को केंद्र में आपूर्ति समाप्त होने के बाद फलस्तीनियों की बड़ी भीड़ को हटाने के लिए गोलियां चलाई थीं।
पैर में चोट लगने के कारण बैसाखी पर निर्भर महमूद इस्माइल ने कहा, ‘‘मैं आटे की एक बोरी समेत कुछ अन्य चीजों के लिए आया था।’’ इस्माइल ने कहा कि वह केंद्र तक पहुंचने के लिए मीलों पैदल चले, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे घर में खाना नहीं है। मैं अपने बच्चों के लिए खाना नहीं जुटा पा रहा हूं।’’
क्षेत्र में तीन वितरण केंद्र संचालित कर रहे ‘गाजा ह्यूमैनटेरीअन फाउंडेशन’ (जीएचएफ) द्वारा इस सप्ताह शुरू की गई राहत आपूर्ति व्यवस्था में उथल-पुथल मची हुई है। संयुक्त राष्ट्र और अधिकतर मानवीय समूहों के विरोध के बावजूद इजराइल ने जीएचएफ को गाजा में खाद्य वितरण का जिम्मा संभालने के लिए नियुक्त किया है।
पिछले तीन दिन में, जीएचएफ केंद्रों पर गोलीबारी की खबरें आ रही हैं, और गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई है तथा दर्जनों घायल हुए हैं।
इजराइली सेना ने कहा कि उसने हाल में गाजा में लगभग 1,000 ट्रकों से आपूर्ति की सुविधा प्रदान की है। उसने संयुक्त राष्ट्र पर सामान वितरित करने में विफल रहने का आरोप लगाया। उसने दावा किया कि सहायता सामग्री चुराने और शेष बंधकों को रिहा करने से इनकार करने के कारण हमास इस संकट के लिए जिम्मेदार है।
इजराइली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल इफेई डेफ्रिन ने कहा कि सेना ‘‘नागरिकों की मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करना जारी रखेगी, साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी कि राहत सामग्री हमास के हाथों में न पहुंचे।’’
मीडिया को केंद्रों तक पहुंचने की अनुमति नहीं होने के कारण, परिस्थितियां अब भी अस्पष्ट हैं। राहत सामग्री वितरण केंद्रों की सुरक्षा सशस्त्र निजी ठेकेदारों द्वारा की जाती है, और आस-पास इजराइली सेनाएं तैनात रहती हैं। मंगलवार को, इजराइली सेना ने कहा कि उसने एक केंद्र के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवा में गोलियां चलाई थी।
दक्षिणी शहर खान यूनिस के नासेर अस्पताल के सर्जन डॉ. खालिद एलसर ने बताया कि उन्होंने बृहस्पतिवार को वितरण केंद्रों पर घायल हुए दो लोगों का इलाज किया। इसमें 17 वर्षीय एक लड़की और 20 वर्षीय लड़का था। उन्होंने कहा कि दोनों को सीने और पेट में गोली लगी थी। उन्होंने कहा कि केंद्रों से अन्य हताहत लोग भी आए थे, लेकिन उनके पास सटीक संख्या नहीं है।
जीएचएफ ने एक बयान में दावा किया कि पिछले तीन दिनों में उसके किसी भी वितरण केंद्र पर कोई गोलीबारी नहीं हुई है और कोई हताहत नहीं हुआ। संगठन ने कहा कि मौतों की खबरें ‘‘हमास से आई हैं।’’
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, बृहस्पतिवार को गाजा में इजराइली हमलों में कम से कम 34 लोग मारे गए। इजराइल ने कहा कि वह कब्जे वाले पश्चिमी तट पर 22 और यहूदी बस्तियां बसाएगा। अधिकांश अंतरराष्ट्रीय समुदाय बस्तियों को अवैध और दशकों पुराने संघर्ष को हल करने में बाधा मानते हैं।
लगभग तीन महीने पहले इजराइल द्वारा खाद्य, ईंधन, दवा और अन्य आपूर्तियों के प्रवेश पर रोक लगाने के बाद से गाजा के 23 लाख फलस्तीनियों के लिए भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। पिछले दो सप्ताह में ही उन्हें थोड़ी सहायता मिल सकी है।
इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र को सहायता सामग्री वितरित करने के लिए कुछ ट्रकों को भेजने की अनुमति दी है, लेकिन लूटपाट और इजराइली सैन्य प्रतिबंधों के कारण संयुक्त राष्ट्र को सामग्री पहुंचाने में कठिनाई हो रही है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने संवाददाताओं को बताया कि इजराइली अधिकारियों ने पिछले तीन दिन से संयुक्त राष्ट्र के ट्रकों को सीमा पार जाने की अनुमति नहीं दी है।
एपी आशीष अविनाश
अविनाश