ठाणे, 30 मई (भाषा) महाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य में विभिन्न विसंगतियों का हवाला देते हुए 2018 में हत्या के प्रयास के एक मामले में बुजुर्ग पिता और उसके दो बेटों को बरी कर दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित एम शेटे ने 27 मई को यह आदेश पारित किया जो शुक्रवार को उपलब्ध हुआ।
अदालत ने रमेश चंद्रपाल चौहान (67) और उनके बेटों अर्जुन (35) और अमित (37) को 13 अगस्त, 2018 को वागले एस्टेट थाने में उनके खिलाफ दर्ज मामले में बरी कर दिया।
पीड़ित कुणाल जांजोत (तब 20) के पिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
चौहान और उनके बेटों पर पर हत्या का प्रयास, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने, जानबूझकर अपमान करने और आपराधिक धमकी के आरोप थे।
एक अन्य आरोपी सुरेश उर्फ सूर्य जगन चौहान की मुकदमे के दौरान मौत हो गई।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि 10 अगस्त, 2018 को शादी के प्रस्ताव पर विवाद के बाद तीनों आरोपियों ने कुणाल और उसके पिता पर हमला किया था।
शिकायतकर्ता के मुताबिक, घटना में अमित ने कुणाल पर कथित रूप से चाकू से हमला किया।
अदालत ने हालांकि सबूतों में विसंगतियां पाईं।
न्यायाधीश ने कहा कि जिस अस्पताल में पीड़ित को भर्ती कराया गया था उसके कर्मचारियों द्वारा दर्ज किए गए बयान के अनुसार वह मुंब्रा में एक राजमार्ग पर बाइक से गिर गया था।
अदालत ने कहा, “एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अभियोजन पक्ष ने कुणाल को भर्ती करते समय अस्पताल को दी गई जानकारी को स्पष्ट करने के लिए पड़ोसी सुनील वर्मा से पूछताछ नहीं की। प्रमुख गवाहों की जांच के अभाव में, अभियोजन पक्ष के खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष निकलता है।”
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष सबूतों को साबित और संदेह को दूर करने में विफल रहा।
न्यायाधीश ने कहा, “जैसा कि अदालत ने पाया, गवाह महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपा रहे हैं और इसलिए अभियोजन पक्ष के बयान को लेकर उचित संदेह पैदा होता है और इसका लाभ आरोपियों को दिया जाना चाहिए।”
भाषा जितेंद्र नरेश
नरेश