मलप्पुरम (केरल), 31 मई (भाषा) कांग्रेस के नेतृत्व वाले ‘यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट’ (यूडीएफ) ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के संयोजक पीवी अनवर को मोर्चे का सहयोगी सदस्य तभी बनाया जाएगा जब वह नीलांबुर विधानसभा उपचुनाव के उनके उम्मीदवार आर्यदान शौकत के खिलाफ अपनी टिप्पणी वापस ले लेंगे।
गेंद को अनवर के पाले में डालते हुए यूडीएफ के संयोजक अदूर प्रकाश ने कहा कि शौकत की तृणमूल नेता द्वारा आलोचना किए जाने से मोर्चे में कोई भी खुश नहीं है और सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि उन्हें उन टिप्पणियों को वापस लेना चाहिए।
शौकत की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद अनवर ने दावा किया कि विधानसभा क्षेत्र में जनता की राय उनके (शौकत के) पक्ष में नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि शौकत ने दो महीने पहले इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की उम्मीदवारी हासिल करने की कोशिश की थी।
प्रकाश ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने अनवर को फोन पर यूडीएफ के फैसले के बारे में सूचित कर दिया है और उनसे आने वाले दिनों में सभी मामलों पर मोर्चे के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है।
शाम को यहां यूडीएफ की बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि वह हमारे द्वारा तय किए गए निर्णय के पक्ष में उचित निर्णय लेंगे। इसी विश्वास के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।’’
यूडीएफ का यह निर्णय विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन की हाल की टिप्पणी के अनुरूप है, जिन्होंने कहा था कि अनवर को यह तय करना है कि वह नीलांबुर में मोर्चे के चुनाव अभियान में सहयोग करना चाहते हैं या नहीं और उसके बाद वह उन्हें मोर्चे में शामिल करने पर अपनी राय व्यक्त करेंगे।
शुक्रवार को सतीशन ने कहा कि अनवर ने यूडीएफ उम्मीदवार के खिलाफ बात की है और इसलिए अब उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि वह शौकत का समर्थन करते हैं या नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें ऐसा करने दीजिए और उसके बाद हम अपना रुख (उन्हें यूडीएफ में शामिल करने पर) बताएंगे।’’
नीलांबुर उपचुनाव 19 जून को होगा और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि दो जून है। परिणाम 23 जून को घोषित किए जाएंगे।
भाषा खारी नेत्रपाल
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