नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) केंद्र सरकार ने शनिवार को फिल्मों का प्रमाणन आयु-आधारित श्रेणियों के आधार पर करने की अधिसूचना जारी की, ताकि आयु-आधारित फिल्मों को देखने को बढ़ावा दिया जा सके, विशेष रूप से अभिभावक मार्गदर्शन समूह के लिए।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक राजपत्र अधिसूचना में दिसंबर 1991 में अधिसूचित नियमों में संशोधन किया, जिसमें सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए फिल्मों को मंजूरी देने के सिद्धांत निर्धारित किए गए थे।
नियम केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को फिल्मों की विषय-वस्तु की प्रकृति और प्रकार के अनुसार ‘यू/ए7 प्लस’, ‘यू/ए 12 प्लस’ और ‘यू/ए 16प्लस’ चिह्नों के साथ अनुमोदन के साथ अप्रतिबंधित सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए फिल्मों को प्रमाणित करने की अनुमति देते हैं।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘सात वर्ष या उससे अधिक आयु के बच्चे तथा सात वर्ष से कम आयु के बच्चों के माता-पिता के मार्गदर्शन के साथ उपयुक्त सामग्री को ‘यू/ए 7 प्लस’ रेटिंग के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा; तेरह वर्ष या उससे अधिक आयु के बच्चे तथा तेरह वर्ष से कम आयु के बच्चों के माता-पिता के मार्गदर्शन के साथ उपयुक्त सामग्री को ‘यू/ए 13 प्लस’ रेटिंग के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। इसी प्रकार सोलह वर्ष या उससे अधिक आयु के बच्चे तथा सोलह वर्ष से कम आयु के बच्चों के माता पिता के मार्गदर्शन के साथ उपयुक्त सामग्री को ‘यू/ए 16प्लस’ रेटिंग के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।’’
भाषा
धीरज माधव
माधव