सिंगापुर, 31 मई (एपी) अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सहयोगियों से शनिवार को कहा कि उनका देश चीन की ओर से बढ़ते सैन्य और आर्थिक दबाव का सामना करने के लिए उन्हें अकेला नहीं छोड़ेगा, लेकिन इन देशों को भी अपना रक्षा खर्च बढ़ाना चाहिए।
हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका देश के बाहर अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा, ताकि वह चीन की ओर से तेजी से बढ़ रहे खतरों, विशेष रूप से ताइवान के प्रति उसके आक्रामक रुख का मुकाबला कर सके।
चीन ने यह परीक्षण करने के लिए कई (सैन्य) अभ्यास किए हैं कि स्वशासित द्वीप ताइवान की नाकेबंदी किस तरीके से की जा सकती है। चीन ताइवान पर अपना दावा करता है और अमेरिका ने इसकी रक्षा करने का संकल्प जताया है।
सिंगापुर में सुरक्षा सम्मेलन में हेगसेथ ने कहा कि चीन की सेना ‘‘वास्तव में होने वाली कार्रवाई की तैयारी के लिए अभ्यास कर रही है। हम चिकनी चुपड़ी बात नहीं करेंगे। चीन से उत्पन्न खतरा वास्तविक है और यह निकट भविष्य में सामने आ सकता है।’’
चीन के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने हेगसेथ पर ‘निराधार आरोप’ लगाने का आरोप लगाया। चीन के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष रियर एडमिरल हू गैंगफेंग ने कहा, ‘‘कुछ दावे पूरी तरह से मनगढ़ंत हैं। कुछ तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं। कुछ मामले ऐसे हैं, जैसे चोर चिल्ला रहा हो कि चोर को रोको।’’
हेगसेथ ने यह भी कहा कि चीन ताइवान पर आक्रमण करने की तैयारी कर रहा है।
हेगसेथ ने ‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर सिक्योरिटी स्टडीज’ द्वारा आयोजित वैश्विक सुरक्षा सम्मेलन ‘शांगरी-ला वार्ता’ में कहा कि चीन अब ताइवान पर कब्जा करने के लिए न केवल अपने सैन्य बलों को मजबूत कर रहा है, बल्कि वह ‘‘इसके लिए हर दिन सक्रिय रूप से प्रशिक्षण भी आयोजित कर रहा है।’’
हेगसेथ ने लैटिन अमेरिका में चीन की महत्वाकांक्षाओं, विशेषकर पनामा नहर पर प्रभाव बढ़ाने के उसके प्रयासों की भी आलोचना की।
उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों से आग्रह किया कि वे रक्षा व्यय को अपने सकल घरेलू उत्पाद के पांच प्रतिशत के बराबर स्तर तक बढ़ाएं। हेगसेथ ने कहा, ‘‘हम सभी को अपना योगदान देना होगा।’’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने कुछ महीने पहले पैट्रियट मिसाइल रक्षा बटालियन को पश्चिम एशिया में भेजने के लिए इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र से हटा दिया।
हेगसेथ से जब पूछा गया कि अगर हिंद-प्रशांत अमेरिका के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र है, तो अमेरिका ने उन संसाधनों को वहां से क्यों हटाया। हेगसेथ ने इसका कोई सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि यमन से किए गए हूती मिसाइल हमलों से बचाव और अमेरिका में अवैध आव्रजन के खिलाफ सुरक्षा को मजबूत करने के लिए संसाधनों का स्थानांतरण आवश्यक था।
उन्होंने अमेरिकी सहयोगियों और साझेदारों द्वारा अपने रक्षा खर्च और तैयारियों को बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि अमेरिका अकेले आगे बढ़ने में रुचि नहीं रखता।
ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने हेगसेथ के इस बयान का स्वागत किया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र अमेरिका की रणनीतिक प्राथमिकता है और इस बात पर सहमति जताई कि ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविकता यह है कि अमेरिका के बिना इस क्षेत्र में कोई प्रभावी शक्ति संतुलन नहीं है, लेकिन हम इसे अकेले अमेरिका पर नहीं छोड़ सकते।’’
चीन ने सम्मेलन के लिए निचले स्तर का प्रतिनिधिमंडल भेजा है। चीन आमतौर पर सम्मेलन में अपने रक्षा मंत्री को भेजता है, लेकिन ट्रंप के नए शुल्क लगाए जाने के कारण डोंग जून इस साल सम्मेलन में शामिल नहीं हुए।
एपी आशीष दिलीप
दिलीप