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Monday, July 7, 2025

हिमाचल पुलिस टकराव: डीजीपी ने एसपी को निलंबित करने की सिफारिश की

Newsहिमाचल पुलिस टकराव: डीजीपी ने एसपी को निलंबित करने की सिफारिश की

शिमला, 25 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अतुल वर्मा ने शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्हें तत्काल निलंबित करने की सिफारिश की है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को लिखे पत्र में डीजीपी ने कहा कि गांधी ने “वरिष्ठ सरकारी और संवैधानिक अधिकारियों के खिलाफ निराधार व अनुचित आरोप लगाए हैं।”

डीजीपी ने कहा कि गांधी को एचपीपीसीएल के इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में ‘विभागीय जांच और सीबीआई जांच के नतीजे आने तक’ निलंबित किया जाना चाहिए।

डीजीपी ने शिमला के एसपी के ‘दुर्व्यवहार और अवज्ञा’ के उदाहरणों का हवाला दिया।

पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इसी तरह के पत्र मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के निजी सचिव को भी भेजे गए। इस पत्र के साथ शनिवार को मीडिया से बातचीत का एसपी का एक वीडियो भी भेजा गया, जिसमें उन्होंने गंभीर आरोप लगाए थे।

एसपी गांधी ने शनिवार को डीजीपी पर सार्वजनिक रूप से हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने विमल नेगी मौत मामले में एसआईटी जांच पर सवाल उठाते हुए गलत इरादे से भ्रामक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की और कई मामलों में जांच में बाधा डालने की कोशिश की गई।

उन्होंने पूर्व डीजीपी और मुख्य सचिव पर भी आरोप लगाए थे।

नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और उनका शव 18 मार्च को बिलासपुर में मिला था। नेगी की पत्नी किरण नेगी ने आरोप लगाया था कि विमल के वरिष्ठ अधिकारी पिछले छह माह से उन्हें परेशान कर रहे थे। उन्होंने इसकी सीबीआई जांच की मांग की थी।

इस मामले से हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक हलचल मच गई, विपक्षी भाजपा ने मामले को दबाने का आरोप लगाया।

डीजीपी के पत्र में कहा गया है, “एसपी ने राज्य में वरिष्ठ सरकारी और संवैधानिक अधिकारियों के खिलाफ निराधार और अनुचित आरोप लगाए हैं और एक मामले के संबंध में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के बारे में भी असत्यापित व संभावित रूप से पूर्वाग्रहपूर्ण बयान दिए हैं, जिसकी जांच जारी है।”

पत्र में कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा (एआईएस) आचरण नियम 1968 के नियम 3(1) और नियम 7 का उल्लंघन हुआ है, जिसके तहत सेवा में शामिल प्रत्येक सदस्य के लिए पूर्ण सत्यनिष्ठा और कर्तव्य के प्रति समर्पण बनाए रखना आवश्यक है।

पत्र में कहा गया है कि सदस्यों को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जो अनुचित हो, उन्हें सरकार की आलोचना में लिप्त नहीं होना चाहिए।

पत्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम, 2007 की धारा 87 (कदाचार) का उल्लंघन किया गया है।

पत्र में कहा गया है कि एसपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए तथा विमल नेगी मौत मामले में विस्तृत विभागीय जांच व सीबीआई जांच के नतीजे आने तक पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया जाए।

हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की रहस्यमय मौत की जांच करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व करने वाले गांधी ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा मामला सीबीआई को हस्तांतरित करने के एक दिन बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित किया था।

शुक्रवार के अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को हस्तांतरित करते हुए कहा कि डीजीपी ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में ‘जांच के तौर-तरीके पर गंभीर चिंताएं जताई हैं।’

गांधी ने आरोप लगाया था कि “डीजीपी के निजी स्टाफ के एक सदस्य के कथित तौर पर मादक पदार्थ के व्यापार में शामिल संजय भूरिया गिरोह से संबंध थे” और “सीआईडी ​​विभाग से गोपनीय दस्तावेज रिपोर्ट लीक करने में डीजीपी के निजी स्टाफ की संलिप्तता पाई गई है।”

भाषा जोहेब अजय

अजय

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