नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) किदाम्बी श्रीकांत को खेलते हुए देखना शानदार लगता है पर पिछले कुछ वर्षों में उनका यह रूप अतीत की बात लगता था लेकिन मलेशिया मास्टर्स में उन्होंने आकर्षक वापसी की और उप विजेता रहे।
पूर्व नंबर एक खिलाड़ी भले ही खिताब नहीं जीत सके हों लेकिन बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचना दिखाता है कि दृढ़ता और अनुशासन से क्या हासिल किया जा सकता है।
कोच आरएमवी गुरुसाईदत्त ने कहा, ‘‘श्रीकांत एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें शीर्ष पर होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जितनी जल्दी हो सके, उन्हें इस सर्किट में होना चाहिए। एक टीम के रूप में यही हमारा लक्ष्य होगा कि वह शीर्ष 20 में वापसी करें और बड़े टूर्नामेंट में खेलें। ’’
श्रीकांत के रैकेट कौशल पर कभी संदेह नहीं रहा जिसमें उनका 2017 का प्रदर्शन (एक साल में चार सुपरसीरीज खिताब) ऐतिहासिक था।
उन्होंने 2021 में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता और 2022 में भारत को थॉमस कप में पहली बार जीत दिलाई जिसमें उन्होंने सभी छह मैच जीते।
लेकिन इसके बाद वह निरंतर नहीं रह सके। उनके संघर्षों ने उन्हें रैंकिंग में नीचे पहुंचा दिया। इसी कारण वह इस महीने की शुरुआत में रैंकिंग में 82वें नंबर पर पहुंच गए।
कोच पारुपल्ली कश्यप याद करते हैं, ‘‘जब हमने 2023 के आखिर में शुरुआत की तो मुझे लगा कि उनकी फिटनेस का स्तर बहुत खराब है। यह काफी आश्चर्यजनक है। और मैंने उनसे साफ कहा कि आप अपनी फिटनेस को बेहतर बनाने पर ध्यान दें। ’’
हाल के वर्षों में उन्हें पुरानी चोटों (कंधे, घुटने) ने ट्रेनिंग में परेशान किया।
गुरुसाईदत्त ने कहा, ‘‘कंधे की समस्या बहुत लंबे समय से है। यह कभी कभी परेशान करती है। ’’
फिर भी श्रीकांत ने हार नहीं मानी। लेकिन असली बदलाव उनकी मानसिकता में आया। गुरुसाईदत्त ने कहा, ‘‘सुबह के सत्र, शाम की जिम, कार्डियो, वह सभी में मौजूद थे। यही वह सुधार था जो हम चाहते थे। और कल्पना कीजिए, लगातार तीसरे टूर्नामेंट में वह इस तरह का प्रदर्शन करते हैं। यह फिटनेस और अनुशासन को दर्शाता है। ’’
भाषा नमिता आनन्द
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