नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) सरकार सोमवार को एक नयी ‘भारत पूर्वानुमान प्रणाली’ का अनावरण करेगी जिससे मौसम कार्यालय अधिक सटीक और स्थानीय पूर्वानुमान जानकारी प्राप्त कर सकेगा।
पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) द्वारा विकसित भारत पूर्वानुमान प्रणाली (बीएफएस) छह किलोमीटर ‘रिजोल्यूशन’ के साथ पूर्वानुमान प्रदान करेगी जो विश्व में सर्वाधिक है और इससे अधिक सटीक पूर्वानुमान लगाने में सहायता मिलेगी।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अब हम अधिक स्थानीय और सटीक मौसम पूर्वानुमान जारी करने में सक्षम होंगे।’’
पार्थसारथी मुखोपाध्याय समेत शोधकर्ताओं द्वारा विकसित नया पूर्वानुमान मॉडल, पिछले वर्ष आईआईटीएम परिसर में 11.77 पेटाफ्लॉप की क्षमता और 33 पेटाबाइट्स की भंडारण क्षमता वाले नए सुपरकंप्यूटर अर्का की स्थापना के कारण संभव हो सका।
मुखोपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘पिछला सुपरकम्प्यूटर ‘प्रत्यूष’ पूर्वानुमान मॉडल चलाने में 10 घंटे तक का समय लेता था। अर्का चार घंटे में ही यही काम कर लेता है।’’
रविचंद्रन ने कहा कि बीएफएस 6 किलोमीटर गुणा 6 किलोमीटर के ग्रिड में होने वाली संभावित मौसम संबंधी घटनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जबकि पहले के मॉडल 12 किलोमीटर के ग्रिड के लिए पूर्वानुमान देते थे।
उन्होंने कहा कि देशभर के 40 डॉप्लर मौसम रडार के नेटवर्क से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग बीएफएस मॉडल को चलाने के लिए किया जाएगा, जिससे मौसम कार्यालय को अधिक स्थानीय पूर्वानुमान जारी करने में मदद मिलेगी।
रविचंद्रन के अनुसार यूरोपीय, ब्रिटिश और अमेरिकी मौसम कार्यालयों द्वारा संचालित वैश्विक पूर्वानुमान मॉडल का ‘रिजॉल्यूशन’ 9 किमी से 14 किमी के बीच है।
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह सोमवार को यहां एक विशेष समारोह में बीएफएस को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण उपलब्धि मौसम विज्ञान में भारत की आत्मनिर्भरता में एक बड़ी छलांग है, जिससे आपदा जोखिम को कम करने, कृषि, जल संसाधन प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए पंचायत स्तर तक अधिक सटीक और विस्तृत मौसम पूर्वानुमान संभव हो सकेगा।’’
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश